जहां पंचायत चुनाव नहीं हुए वहां प्रशासक संभालेंगे कमान
जयपुर, राजस्थान में पंचायत चुनाव तीनों चरण समाप्त होने के बाद अब जहां चुनाव नहीं हुए हैं, वहां ग्राम सेवक सरपंच की जगह संभालेंगे। इसी तरह पंचायत समितियों में प्रधान और जिला परिषदों में जिला प्रमुखों की जगह सरकारी अधिकारी कमान संभालेंगे।
राजस्थान में पंचायत चुनाव में अब तक ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषदो के चुनाव एक साथ होते आए हैं। ऐसे में हर पांच वर्ष में ग्राम पंचायत से लेकर जिला परिषद तक नए लोग कमान संभालते रहे हैं। इस बार पंचायतों के पुनर्गठन में हुई देरी और बाद में इसके चलते हुए कोर्ट केसेज के चलते सिर्फ ग्राम पंचायतों के चुनाव हुए। यानी सिर्फ पंच और सरपंच चुने गए और यह चुनाव भी चार हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों में नहीं हो पाया। अब इन पंचायतों, पंचाय समितियों और जिला परिषदों का मौजूदा कार्यकाल सात फरवरी तक खत्म हो जाएगा। नया चुनाव नहीं होने के कारण इन पंचायताीराज संस्थाओं में प्रशासक के रूप में सरकारी अधिकारी लगाने की जरूरत पड़ेगी। सरकार ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं।इसके अनुसार जिन ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो गया है या फिर अभी तक चुनाव संपन्न नहीं हो पाए हैं, वहां कार्यरत ग्राम सेवक एवं पदेन सचिव को संबंधित ग्राम पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने की तिथि से प्रशासक नियुक्त माना जाएगा। इसके साथ ही राज्य की समस्त पंचायत समितियों वहां कार्यरत विकास अधिकारी और जिला परिषदों में कार्यरत मुख्य कार्यकारी अधिकारी को कार्यकाल समाप्त होने की तिथि से प्रशासक नियुक्त माना जाएगा। प्रशासक की कार्य अवधि नवनिर्वाचन के बाद गठित ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद की पहली बैठक की तारीख के ठीक पहले दिन तक निर्धारित की गई। हालांकि अब सरकार को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है और माना जा रहा है कि अप्रैल तक इन सभी जगह चुनाव हो जाएंगे। ऐसे में करीब दो माह के लिए सरकारी अधिकारी इन पंचायतीराज संस्थाओं को चलाएंगे।
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