नाबालिग से गैंगरेप के 3 आरोपितों को 20-20 साल की कैद
भीलवाड़ा हलचल। एक नाबालिग से दोस्ती कर उसे नशीला पदार्थ खिलाने के बाद गैंगरेप करने और अश्लील फोटो खींचकर ब्लैकमेल करने के तीन आरोपितों को आज 20-20 की कठोर कैद से दंडित किया। तीनों पर 80 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया। यह फैसला विशिष्ट न्यायालय पोक्सो (एक) के न्यायाधीश बन्नालाल जाट ने सुनाया। दंडित किये गये आरोपितों में कोशिथल निवासी इरफान मोहम्मद पुत्र बाबू खां मंसूरी, शेर मोहम्मद पुत्र छोटू खां मंसूरी व मोखुंदा निवासी मोहम्मद तोफिक पुत्र इकबाल मोहम्मद मंसूरी शामिल हैं। विशिष्ट लोक अभियोजक हर्ष रांका ने कहा कि इस मामले को लेकर गंगापुर थाने में 10 अगस्त 2017 को एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें नाबालिग पीडि़ता ने बताया कि एक साल पहले उसके पास इरफान खां मंसूरी का फोन आया था। उसने दोस्ती करने को कहा तो उसने मना कर दिया। इसके बाद वह लगातार पीछे पडऩे लगा। इस पर किशोरी ने दोस्ती कर ली। कुछ दिन बाद इरफान ने उसे महंगा फोन दिया। उसे घूमाने के लिए भरका देवी मंदिर ले गया। जहां टिफिन में साथ लाया केक इरफान ने उसे खिलाया। इससे उसे चक्कर आने लगे। इरफान ने उसके साथ जबरन संबंध बनाये। अश्लील फोटो खींचे। इसकी जानकारी उसे अगले दिन हुई। उस दिन के बाद इरफान उसे फोटो दिखाकर ब्लैकमेल करने लगा। जबरदस्ती करता। उसने वह मोबाइल भी तोड़ दिया। दूसरे मोबाइल में सारे फोटो बताये। इरफान ने उसे धमकी दी कि जैसा वह कहे, वैसा नहीं करने पर बदनाम कर दूंगा। यह फोटो यू ट्यूब पर डाल देगा। इरफान मंसूरी ने शेर मोहम्मद व तोफिक मंसूरी से मिलवाया, जिन्होंने फोटो दिखाकर उसके साथ जबरदस्ती की। ये तीनों आये दिन उसे ब्लैकमेल करते और धर्म परिवर्तन कर उससे निकाह कर लेने की बात कहते। इसे लेकर पीडि़ता ने आपबीती घर वालों को बताई। पीडि़ता के बड़े भाई ने इरफान, शेर मोहम्मद व तोफिक ने घर आकर जबरन उठा ले जाने की धमकी दी। इस रिपोर्ट पर गंगापुर पुलिस ने गैंगरेप का मामला दर्ज कर तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर चार्जशीट न्यायालय में पेश की। न्यायालय ने सुनवाई के बाद आज आरोपित इरफान मोहम्मद को दुष्कर्म के आरोप में दस साल और 20 हजार रुपए के जुर्माने, जबकि गैंगरेप के आरोप में इरफान 20 साल की कैद और 40 हजार रुपये जुर्माने, जबकि शेर मोहम्मद व मोहम्मद तौफिक को 20-20 साल की कैद और 20-20 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया। न्यायालय ने आरोपितों से जुर्माना राशि वसूल होने की सूरत में पीडि़ता को 80 हजार रुपए की संपूर्ण राशि अदा करने के आदेश दिये। साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से पीडि़ता को प्रतिकर दिलाने की अनुशंसा की।
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