एमएसएमई उद्यागों के वर्गीकरण के लिए नये मापदण्डों की मांग
भीलवाडा हलचल। मेवाड चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री की ओर से केन्द्रीय एमएसएमई मंत्री एवं वाणिज्य मंत्री को प्रतिवेदन भेजकर सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यागों के वर्गीकरण के लिए नये मापदण्डों को शीघ्र लागू करने की मांग की है।
चेम्बर के मानद महासचिव आर के जैन ने बताया कि केन्द्रीय केबीनेट ने 7 फरवरी 2018 को सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यागों के वर्गीकरण के लिए नये मापदण्डों को मंजूर किया था। नये मापदण्ड उद्योगों की ओर से प्लान्ट एवं मशीनरी में निवेश के बजाय वार्षिक टर्नऑवर पर आधारित है। वर्तमान में लागू निवेश मापदण्डों के अनुसार 25 लाख तक के निवेश वाले सुक्ष्म उद्योग, 5 करोड तक के लघु उद्योग एवं 10 करोड तक मध्यम उद्योग माने जाते है।
केबीनेट ने टर्नऑवर के आधार पर 5 करोड तक वार्षिक टर्नऑवर को सुक्ष्म उद्योग, 75 करोड के टर्नऑवर को लघु उद्योग एवं 250 करोड तक के टर्नऑवर को मध्यम उद्योग मानकर प्रस्ताव पारित किया था।
जैन ने बताया कि केबीनेट की स्वीकृति के बावजूद भी पिछले 2 वर्ष से इस संबंध में गजट जारी नही होने से एमएसएमई उद्योगों को बैंकिंग ऋण प्राप्त करने, निर्यात के लिए संसाधन जुटाने में , बीमा दरों आदि कई तरह की कठिनाईयां आ रही है। चेम्बर ने नये मापदण्डों के आधार पर तुरन्त गजट जारी करने की मांग की है।
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