कलेक्ट्री और कोर्ट के नजदीक कोरोना से पहली मौत, अब तक 17 पॉजीटिव केस आये सामने
भीलवाड़ा हलचल। चिकित्सा विभाग और प्रशासन के लाख प्रयासों के बावजूद कोरोना वायरस से पीडि़त एक बुजुर्ग की गुरुवार को उपचार के दौरान महात्मा गांधी अस्पताल में मौत हो गई। इस पहली मौत के बाद सभी सकते में आ गये हैं। अब तक 17 लोग पॉजिटिव सामने आ चुके हैं, जिनमें से आज इस बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। प्रशासन ने बुजुर्ग की मौत के बाद सतर्कता बढ़ा दी है। लेकिन यहां के लोग अब भी इस गंभीर संक्रमण को हल्के में ले रहे हैं जो गंभीर चिंता का विषय है।
सूत्रों के अनुसार, शाम की सब्जी मंडी में रहने वाले बुजुर्ग नारायण सिंह सौलंकी पिछले कई दिनों से बीमार थे। उनका डायलेसिस बृजेश बांगड़ हॉस्पिटल होता रहा है। इसी अस्पताल से कोरोना संक्रमण तेजी से फैला है। एक के बाद एक अब तक 17 लोग संक्रमित हो चुके हैं और अधिकतर इसी अस्पताल से जुड़े हैं। इन्हीं मेंसे एक सौलंकी की एक दिन पहले ही रिपोर्ट पॉजीटिव आई। इसके बाद उन्हें गहन चिकित्सा में उपचार के लिए आईसोलेट वार्ड में भर्ती किया गया। सौलंकी का परिवार भी अस्पताल में ही चिकित्सकों की निगरानी में है। दूसरे ही दिन कोरोना पॉजीटिव सौलंकी की उपचार के दौरान मौत हो गई।
अस्पताल सूत्रों का कहना है कि सौलंकी की मौत कोरोना से न होकर किडनी फैल होने से हुई है। वे, लंबे समय बीमार थे। उन्हें ब्रेनस्टॉक भी हो चुका था। उनकी स्थिति नाजूक बनी थी। बांगड़ अस्पताल में डायलेसिस के दौरान वे कोरोना से संक्रमित हो गये थे।
इस बीच, मृतक का चिकित्सकीय देखरेख में अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है। अभी यह तय नहीं हो पाया कि शव का अंतिम संस्कार कैसे और कहां किया जायेगा। इस बीमारी के लक्षण के बाद हिंदू रीतिरिवाज के अनुसार न तो नहलाया जा सकता है और न ही अन्य कोई क्रियाक्रम किये जा सकते हैं।
कोर्ट, कलेक्ट्री के कुछ दूर हुई पहली मौत
कोरोना संक्रमित नारायण सिंह सौलंकी की आवास के 500 मीटर के दायरे में कोर्ट, कलेक्ट्री, पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर और पूर्व मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर के साथ ही अन्य अधिकारियों के आवास भी आते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस आवास के पास दो बड़ी डेयरी, एक कैफे हाउस और बीयर बार के साथ ही मसाला चक्की भी है। ये ही नहीं कुछ समय पहले तक यहां मंडी में हजारों लोगों की आवाजाही भी बनी रहती थी।
शव ले जाने के लिए अस्पताल परिसर करवाया खाली, बनाया कॉरिडोर
कोरोना वायरस संक्रमित वृद्ध की जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत के बाद शव को मोक्षधाम ले जाने के प्रयास शुरू कर दिये हैं। इसी के चलते पुलिस प्रशासन ने अस्पताल परिसर खाली करवा दिया। श्मसान तक शव ले जाने के लिए कॉरिडोर बनाया गया। इसके बाद शव को श्मसान ले जाया गया।
लेसवा में मिला संदिग्ध
मांडल से चंद्रशेखर तिवाड़ी के अनुसार, कोरोना वायरस का कहर थम नहीं रहा है। शहर के बाद अब ग्रामीण इलाकों में भी लगातार कोरोना संदिग्ध मिल रहे हैं। इसी के तहत आज मांडल क्षेत्र के लेसवा गांव में एक ग्रामीण कोरोना संदिग्ध मिला। संदिग्धों की संख्या भी बढ़कर 430 से अधिक हो गई है। इस पॉजीटिव उसे उपचार के लिये जिला अस्पताल में भर्ती कर लिया गया।
बांगड़ अस्पताल के चिकित्सक व स्टॉफ को कोरेंटाइन में किया शिफ्ट
भीलवाड़ा हलचल। शहर में कोरोना संक्रमण फैलाने वाले बांगड़ अस्पताल के चिकित्सक और अन्य स्टॉफ को अलग-अलग होटलों में बनाये गये कोरेंटाइन में शिफ्ट कर दिया गया है, ताकि उन पर भी निगाह रखी जा सकें और अन्य लोगों में यह संक्रमण न फैले। वहीं शहर में कई जगह कोरेंटाइन वार्ड बनाये जा रहे हैं। आने वाले दिनों में संक्रमण से मरिजों की संख्या बढ़ती है तो इन्हें वहां रखा जायेगा। शहर के अधिकांश होटलों, रिसोर्ट, शादी समारोह स्थलों, धर्मशालाओं व स्कूलों को भी अधिग्रहित किया गया है। कुछ उद्योगपतियों ने आगे आकर इस तरह के अपने स्थान प्रशासन को सौंपने की पेशकश की है।
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