संकट: 20,000 करोड़ के बैड लोन सीधे राणा कपूर के निर्देश पर हुए मंजूर

येस बैंक के कुल 2.25 लाख करोड़ रुपए दांव पर हैं लेकिन इनमें से खराब कर्ज़ (NPA) करीब 42,000 करोड़ रुपए बताया जाता है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस कर्ज घोटाले के संदिग्ध और यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर से पूछताछ कर रही है. येस बैंक का जो 42,000 करोड़ रुपए का NPA है, समझा जाता है कि इसमें 20,000 करोड़ रुपए के कर्ज़ कॉर्पोरेट्स और NBFCs को सीधे कपूर के निर्देशों पर दिए गए.


ED अधिकारियों ने कॉक्स एंड किंग्स ग्रुप, DHFL ग्रुप, सहाना ग्रुप, रेडियस ग्रुप और कुछ अन्य की फाइल मंगाई है. बैंक से इन फाइल्स को सोमवार रात को ED दफ्तर लाया गया. अधिकारियों को संदेह है कि ये कर्ज़ RBI की मानक प्रक्रियाओं और दिशा निर्देशों को दरकिनार कर बांटे गए. इससे बैंक को नुकसान हुआ और लोगों के पैसे का नुकसान हुआ. कपूर की ओर से बनाई गई कुछ शैल कंपनियां भी जांच के रडार पर हैं.अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी कॉर्पोरेट्स को कर्ज बांटने में कपूर की भूमिका और फिर उनकी पत्नी के खातों में कथित तौर पर आई घूस की रकम को लेकर भी जांच कर रही है. ED और CBI के पास जो केस है वो 4,300 करोड़ रुपए के लेनदेन को लेकर है.


ED अधिकारियों के मुताबिक, येस बैंक ने DHFL (दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड) से 3,700 करोड़ रुपए के डिबेंचर्स खरीदे और DHFL ने कपूर की बेटियों के स्वामित्व वाली कंपनी को 600 करोड़ रुपए का कर्ज दिया. ये दोनों लेनदेन संदिग्ध हैं क्योंकि कपूर की बेटियों के पास पर्याप्त कारोबार या संपत्तियां नहीं है.


40 करोड़ रुपए की संपत्ति के नाम पर दिया गया कर्ज


मॉर्गेज ये भी दिखाता है कि कर्ज सिर्फ 40 करोड़ रुपए की संपत्ति के नाम पर दिया गया. ये संपत्ति कृषि भूमि है जिसे रिहाइशी जमीन के तौर पर दिखाया गया और इसकी कीमत बढ़ा चढ़ा कर बताई गई. ED ने कपूर के खिलाफ जांच तब शुरू की गई जब एजेंसी उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन (UPCCL) में कथित कर्मचारी भविष्यनिधि (EPF) घोटाले में अनियमितताओं के आरोपों की जांच कर रही थी.


CBI ने हाल में 2,267 करोड़ रुपए के EPF जालसाजी की जांच शुरू की जहां पॉवर सेक्टर के कर्मचारियों की मेहनत से कमाई गई बचत की रकम का निवेश DHFL में कर दिया गया. इस केस में कपिल वधावन भी अभियुक्त है. वधावन की जांच के दौरान ED अधिकारियों ने दो संदिग्ध लेनदेन का पता चलाया. कपूर, उसकी बेटियों के दफ्तर, आवास और अन्य ठिकानों पर केंद्रीय एजेंसी की ओर से छापेमारी की जा रही है.


जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे राणा कपूर


ED की पूछताछ के दूसरे दिन राणा को मुंबई में एजेंसी के बालार्ड एस्टेट स्थित कार्यालय से गिरफ्तार किया गया. कपूर ने अरेस्ट मीमो पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया. कपूर ने कहा कि वो अपनी गिरफ्तारी को कोर्ट में चुनौती देंगे. कपूर की ओर से ऐसा किया भी गया.


ED अधिकारियों ने बताया कि कथित तौर पर कपूर की ओर से जांच में सहयोग नहीं दिए जाने की वजह से उन्हें PMLA एक्ट के प्रावधान के तहत गिरफ्तार किया गया. केंद्रीय एजेंसी की ओर से शुक्रवार रात को छापा मारे जाने के बाद कपूर से करीब 20 घंटे तक पूछताछ की गई. कपूर की तीन बेटियों के दिल्ली और मुंबई स्थित ठिकानों की शनिवार को तलाशी ली गई जिससे कि और जानकारी, सबूत जुटाए जा सकें. शुक्रवार रात को कपूर के वर्ली स्थित आलीशान घर ‘समुद्र महल’ की तलाशी ली गई.


कपूर के खिलाफ केस के तार घोटालों में घिरे दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन (DHFL) से जुड़ी है क्योंकि बैंक की ओर से इस कंपनी को दिए गए कर्ज कथित NPA में बदल गए. बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को येस बैंक के खाताधारियों पर 50,000 रुपए से अधिक निकालने पर रोक लगा दी थी. साथ ही इसके साथ निजी सेक्टर के बैंक के बोर्ड को भी तत्काल निष्प्रभावी कर दिया था. कपूर को 11 मार्च को ED हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद फिर PMLA कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा.


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