मेंज रोग से 700 ऊंटों की मौत चिंताजनक: जाजू

 भीलवाड़ा (हलचल)। लॉकडाउन के चलते पशु चिकित्सालय बंद होने, अस्पतालों व बाजार में दवा उपलब्ध न होने से करीब 700 ऊंटों की मौत मौत को गंभीर चिंताजनक बताते हुए पीपल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भेजा है।
इसमें कहा गया है कि 700 ऊंटों की इलाज व दवा के अभाव में मौत सरकार की घोर लापरवाही है। जाजू ने कहा कि 12 साल पहले ऊंटों की संख्या 10 लाख थी जो सरकार की अनदेखी से 2019 की गणना में मात्र 2 लाख 12 हजार रह गई, जो अत्यधिक चिंताजनक है।
जाजू ने बताया कि ऊंटों में इस बीमारी के लिए इवेरमेक्टिन नाम का टीका लगता है। यह टीका सरकारी अस्पतालों व दवा विक्रेताओं के पास भी नहीं है व पशु चिकित्सालयों में डॉक्टर नहीं हैं। जाजू ने बताया कि ऊंटों की घटती संख्या बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने 2016 में उष्ट्र विकास योजना बनाई थी, जिसके तहत ऊंट पालकों को 10000 रुपए मिलते थे। इसे वर्ष 2019 से बंद कर दिया गया है। जाजू ने बताया कि सरकार की अनदेखी से ऊंटों की तस्करी खाड़ी देशों में इसके मांस की मांग बढऩे से पिछले कई सालों से हो रही है। जाजू ने पशुपालन मंत्री व मुख्यमंत्री से संकटग्रस्त ऊंट प्रजाति को बचाने व संख्या बढ़ाने के लिए ऊंटपालक रायका जाति को अपने ऊंटों के इलाज का प्रबंध कराने व ऊंटों की मौत ना हो, की पुख्ता व्यवस्था कराने की मांग की है।


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