कलेक्टर को भी रखा गया अंधेरे मेंं, नहीं सुधरे कृषि मंडी में हालात, फूट सकता है कोरोना बम
भीलवाड़ा हलचल। भीलवाड़ा की कृषि उपज मंडी के हालात सुधरने के बजाय लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और यहां कभी भी कोरोना बम फूट सकता है। ऐसी आशंकायें बनती नजर आ रही है। जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट के बार-बार निर्देश जारी करने के बाद भी मंडी प्रशासन मूकदर्शक बना है। ये ही वजह है जिससे कि यहां सोशल डिस्टेंस की पालना नहीं हो पा रही है। वहीं यहां आने वाले लोग मास्क के नाम पर भी खानापूर्ति कर रहे हैं।
भीलवाड़ा कृषि उपज मंडी में सब्जी की खरीद-फरोख्त के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। भीड़ के रूप में खरीददार और सब्जी आड़तियों के बीच न सोशल डिस्टेंस मेंटेंन की जा रही है और न ही सभी लोग मास्क लगा रहे हैं। हालात यह है कि सब्जी खरीदने के लिए आने वाले लोग एक ही जगह जमा रहते हैं, जिससे सोशल डिस्टेंस मेंटेंन नहीं हो पा रही है, जिससे कभी भी संक्रमण फैल सकता है।
कृषि मंडी की अव्यवस्थाओं को लेकर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट मंडी सचिव महिपाल सिंह को व्यवस्थायें सुधारने के लिए हिदायत भी दे चुके हैं, लेकिन इस हिदायत का असर एकाध दिन रहने के बाद हालात पहले की तरह भयावह हो गये हैं। शाम होने के साथ ही सब्जी मंडी में लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो जाती है जो देर रात तक लगी रहती है। मंडी में अगर एकाध भी कोई संक्रमित व्यक्ति आता है तो फिर हालात बिगड़ते देर नहीं लगेगी। मंडी सचिव ने यहां सब्जी खरीदारों के लिए गोले भी बनवाये थे, ताकि सोशल डिस्टेंस मेंटेंन हो सके, लेकिन इन गोलों का उपयोग होता कतई नजर नहीं आ रहा है। जांच के नाम पर एक दिन मशीन से भी आने वाले लोगों को भी परखा गया, लेकिन बाद में हालात पहले जैसे हो गये।
महाराष्ट्र और गुजरात से भी आते हैं ट्रक चालक
महाराष्ट्र से अंगूर ,आम आदि फल लेकर रोजाना कई ट्रक चालक कृषि उपजमंडी आत े हैं। उनकी पहले जांचें भी करवाई गई है, लेकिन महाराष्ट्र और गुजरात कोरोना हॉटस्पॉट बने हैं और ट्रकों में वहां से कई लोग चोरी छिपे लौट रहे हैं। उन लोगों में कौन संक्रमित है, इसका भी पता नहीं लग पाता। ऐसे में कभी भी स्थिति बिगड़ सकती है।
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