हल्दीघाटी गाडोलिया लोहार समाज पुरखों की आन बान और शान हैं
राजसमन्द (राव दिलीप सिंह)हालही माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल की गई पुस्तकों में मेवाड़ के इतिहास की भ्रामक जानकारी को लेकर गाडोलिया लोहार जाति की ओर से विरोध किया गया एवं जिला कार्यकारिणी के बैनर तले देवगढ़ क्षैत्र के प्रबुद्ध जनों ने मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी शक्ति सिंह भाटी को को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि कक्षा 10 के इतिहास की पुस्तक के अध्याय दो में महाराणा प्रताप से जुड़े तथ्यों में बदलाव कर दुर्भावना वश युद्ध मे अकबर की सेना की सेना की असफलता सिद्ध करने वाले तथ्य हटाए गए है और यह भ्रम पैदा किया गया कि युद्ध में प्रताप की हार हुई थी वही उदय सिंह ने बनवीर की हत्या की ओर हल्दीघाटी युद्ध में हल्दी चढ़ी नव विवाहिताओ ने युद्ध लड़ा जैसे तथ्य हीन जानकारी लिख इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई। जबकि 2017 से चल रही पुस्तकों में इतिहासकारों की समिति ने तथ्यों के आंकलन के आधार पर अकबर की हार व प्रताप की विजय को सिद्ध किया था। एक ओर पूरा विश्व महाराणा प्रताप के शौर्य की गाथा का बखान कर रहा है लेकिन हमारी नई पीढ़ी इस वीर पुरुष की जीवनी से पूर्णतः परिचित नहीं हो पा रही हैं। यह हमारे राज्य व इतिहास से लिए दुर्भाग्यपूर्ण है जबकि महाराष्ट्र में वीर शिवाजी की जीवनी एवं शौर्य गाथा से वहाँ का बच्चा बच्चा वाकिफ हैं। वही जिलाध्यक्ष सुरेश चंद्र लोहार ने बताया कि गाडोलिया लोहार समाज के महाराणा प्रताप एवं हल्दीघाटी उनके पुरखों की आन बान और शान है । समाज अपने वचन निभाने में सदैव कामयाब रहते हुए आज भी अपने घरों को छोड़कर इधर-उधर घूम रही है प्राण जाए पर वचन नहीं जाए इस कहावत को बहखुबी निभाते हुए ,वचन बध है, भ्रामक तथ्यों से हमारे पुरखों की आन बान शान को ठेस पहुंची है जिसे सरकार तुरंत प्रभाव से हटाये एवं हल्दीघाटी पर ऐसा कोई इतिहास नहीं लिखा जाए जो भ्रामक हो । ज्ञापन के दौरान गाडोलिया लोहार घुमंतु अर्ध घुमंतू जाति के जिला अध्यक्ष सुरेश लोहार ,अनोखी लाल, नाथूलाल, भूरालाल, माधवलाल, जगदीश भाई सहित बडी संख्या में प्रबुद्व उपस्थित थे। |
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