अगस्त महीने से बदलेगा EPF योगदान से जुड़ा नियम, हाथ में कम आएगी सैलरी
नई दिल्ली । नौकरीपेशा लोगों के लिए अगस्त महीने से एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। कोरोना वायरस महामारी के चलते केंद्र सरकार ने 3 महीनों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योगदान को 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किया था। ऐसा फैसला इसलिए किया गया था कि उस मुश्किल समय में कर्मचारी को कैश इन हैंड सैलरी ज्यादा मिले। अब उस अवधि के तीन महीने पूरे हो गए हैं इसलिए अब अगस्त महीने से वापस 12 प्रतिशत की दर से योगदान कटेगा। इसकी वजह से अब कर्मचारी के हाथ में वापस कम सैलरी आएगी। मई महीने में सरकार के आत्म निर्भर भारत पैकेज के तहत, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने घोषणा की थी कि अगले तीन महीनों तक EPF में कर्मचारी और नियोक्ता का कुल योगदान 24 की बजाए 20 प्रतिशत ही जाएगा। यह घोषणा मई, जून और जुलाई महीनों के लिए की गई थी। EPF के नियमों के अनुसार हर महीने कर्मचारी का बैसिक सैलरी और DA का 12 प्रतिशत हिस्सा EPF योगदान में जमा होता है। इसी प्रकार नियोक्ता भी 12 प्रतिशत राशि जमा करता है। इस तरह कुल 24 प्रतिशत राशि जमा होती है। इसमें से कर्मचारी का 12 प्रतिशत और नियोक्ता का 3.67 प्रतिशत EPF में जमा होता है जबकि नियोक्ता का 8.33 प्रतिशत योगदान Employees Pension Scheme (EPS) में जमा होता है। |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें