कोरोना से मां की मौत, बेटे ने किया अंतिम संस्कार करने से इनकार, शव को नहीं दिया कंधा

 

 कोरोना संकट की घड़ी में सामाजिक रिश्ते भी तार-तार हुए हैं। कोविड-19 का लोगों में खौफ बैठ गया है। इसका जीता जागता उदाहरण झारखंड के जमशेदपुर जिले में देखते को तब मिला जब कोरोना संक्रमित मां का अंतिम संस्कार करने से उसके बेटे ने इनकार कर दिया। इसके बाद बिना रीति-रिवाज के ही इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में मृतका के शव को फर्नेस में रखकर जला दिया गया।
मिली जानकारी के मुताबिक, जमशेदपुर में शनिवार को दो कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई थी। जिनमें एक महिला थी। दोनों का रविवार को जिला प्रशासन की देखरेख में आईसीएमआर के गाइडलाइन के मुताबिक अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की गई। जिला प्रशासन और पुलिस के लोग शव को जलाने के लिए स्वर्णरेखा स्थित बर्निंग घाट पर पहुंचे, लेकिन कोरोना संक्रमित का शव आने की सूचना मिलते ही घाट का कर्मचारी मौके से गायब हो गया। काफी देर तक पुलिस-प्रशासन को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर कर्मचारी कहां गया, खोजबीन के दौरान पता चला कि वह कोरोना संक्रमित शव के पास आना नहीं चाहता था। बाद में प्रशासन की ओर से पार्वती घाट के बर्निंग यूनिट के कर्मचारी को बुलाया गया और मृत महिला का अंतिम संस्कार किया गया।
 अंतिम संस्कार से बनाए रखी दूरी
इधर, कोरोना वायरस संक्रमित महिला की मौत के बाद परिजनों ने भी किनारा कर लिया। यहां तक तक कि उसके बेटे ने भी सबके साथ अंतिम संस्कार में आने से साफ मना कर दिया। उसने मृतका के शव को कंधा देना भी मुनासिब नहीं समझा और उसने प्रशासन से अनुरोध किया कि वह लोग स्वयं उसका अंतिम संस्कार कर दें। उसे मां के शव से कोई लेना देना नहीं है। प्रशासनिक सख्ती के बाद वह श्मशान घाट तो आया लेकिन अंतिम संस्कार के कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी।

 कंधा देने से मना कर दिया
इतना ही नहीं श्मशान घाट पहुंचने पर भी बेटे ने जिला प्रशासन और पुलिस के साथ काफी दूरी बनाए रखा, इस दौरान पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने उसे काफी समझाया, प्रशासन की ओर से पीपीई किट भी उपलब्ध कराया गया, लेकिन वह किसी कीमत पर शव के निकट आने को तैयार नहीं था। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि बेटे ने शव को कंधा देने के साथ-साथ पीपीई किट भी पहनने से मना कर दिया, जिसके बाद बिना विधि विधान के ही महिला के शव को फर्नेस पर रखकर अंत्येष्टि कर दी गई।

 



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