भाजपा मंगरोप मण्डल ने अधीक्षण अभियंता को सौंपा ज्ञापन
भीलवाड़ा (हलचल) पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर के सानिध्य में एवं भाजपा मंगरोप मण्डल अध्यक्ष नाहर सिंह पुरावत के नेतृत्व मंे कार्यकर्ताओं द्वारा कोरोना कालखंड के अंतर्गत उपभोक्ताआंे के 4 माह के बिजली के बिल माफ करने, फ्यूल चार्ज एवं स्थाई शुल्क के नाम पर की गई वृद्धि वापस लेने, किसानों के बिजली बिल माफ करने, बिजली कटौती बन्द करने, किसानों की अवैध वीसीआर बरना बंद करने, किसानों की बंद कर दी गई सब्सिडी को पुनः शुरू करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम अधीक्षण अभियंता भीलवाड़ा को ज्ञापन सौंपा। मंगरोप मण्डल अध्यक्ष नाहर सिंह पुरावत ने बताया कि राज्य सरकार ने जन घोषणा पत्र में बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं करने की घोषणा की थी, दुर्भाग्य से 20 महीनों की सरकार ने अलग-अलग समय पर 70 पैसे प्रति यूनिट तक वृद्धि की है इस 6 फरवरी 2020 को राज्य सरकार की एक करोड़ 13 लाख उपभोक्ताओं पर विद्युत दर फिक्स चार्ज पर 12 प्रतिशत बढ़ोतरी कर 70 पैसे प्रति यूनिट बिजली की दरों में वृद्धि हुई है 1400 करोड़ का अतिरिक्त घरेलू उपभोक्ताओं पर भार डाल दिया है वैश्विक महामारी कोरोना काल में राज्य के घरेलू उपयोक्ताओं के 4 माह बिजली का बिल माफ करने की एवं उद्योग जगत पर बंद पड़े उद्योगों पर फिक्स चार्ज 2.97 पैसे प्रति यूनिट माफ करने के लिए मांग की थी दुर्भाग्य से राज्य सरकार ने मांगों को ठुकरा दिया। फ्यूल चार्ज जो भाजपा की राज्य में जो 30 पैसे प्रति यूनिट था उसको बढ़ाकर 58 पैसे प्रति यूनिट कर दिया इन सभी कारणों से इस कोरोना काल में खंड में घरेलू उपभोक्ताओं पर आर्थिक भार पड़ा है राज्य सरकार ने फरमान जारी करके कोरोनो कालखंड में 3 माह के स्थगित बिजली के बिलों को 31 जून तक जमा कराने के आदेश जारी कर साथ ही स्थाई चार्जर्स के नाम से प्रत्येक उपभोक्ता से 2000 से 5000 तक अतिरिक्त भार डाल दिया वही उद्योग जगत को भी आहत कर दिया पिछले 3 माह से बिजली की अघोषित कटौती वीसीआर के नाम पर किसानों से हजारों रुपए की वसूली करते भ्रष्टाचार के नया आयाम स्थापित किया है। विद्युत की दृष्टि से राजस्थान को आत्मनिर्भर बनाने की धोती घोषणा के पश्चात भी सैकड़ों की महंगी बिजली खरीदकर भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें