खनन माफिया का पुलिस पर जानलेवा हमला, ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश

 

 कानपुर/ कानपुर में विकास दुबे मामले के बाद एक बार फिर पुलिस टीम निशाने पर है। इस बार पुलिस पर खनन माफिया ने जानलेवा हमला किया है। बताया जा रहा है कि अवैध मिट्टी खनन को रोकने गई पुलिस पर हिस्ट्रीशीटर ने अपने साथियों के साथ मिलकर हमला कर दिया। इस दौरान दरोगा और सिपाही के साथ मारपीट की गई। ट्रैक्टर चढ़ाकर जान से मारने का प्रयास किया गया। हमले में दरोगा की उंगली में चोट आई है। पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ नामजद और 6 अज्ञात पर एफआईआर दर्ज की है। इसके साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसपी ग्रामीण ने टीमों का गठन किया है।

साढ थाना क्षेत्र स्थित चिरली गांव में एक सामुदायिक शौचालय का निर्माण चल रहा है। पुलिस को सूचना मिली थी कि रसूलपुर गांव अवैध मिट्टी का खनन हो रहा है। साढ चौकी इंचार्ज कष्णमोहन सिपाही पंकज कुमार के साथ पहुंचे थे। चिरली गांव में रहने वाला कल्लू खनन करवा रहा था। दरोगा ने पूछा कि यह मिट्टी कहां लेकर जा रहे हो। कल्लू ने दरोगा कृष्णमोहन को बताया कि चिरली गांव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण हो रहा है, वहां पर पुराई के लिए लेकर जा रहे हैं। दरोगा ने खनन के कागजात मांगे तो मोहित दरोगा से भिड़ गया। इसके बाद वो वहां से भाग निकला, उसने चाचा कल्लू और हिस्ट्रीशीटर चाचा रघुवीर को घटना की जानकारी दी। 
पुलिस पर हमला
दरोगा कष्णमोहन और सिपाही खुद मिट्टी से लदी ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर थाने जाने लगे। जैसे ही ट्रैक्टर-ट्रॉली रसूलपुर गांव के पास पहुंची तो खनन माफिया कल्लू, हिस्ट्रीशीटर रघुवीर, कल्लू के भतीजे मोहित और रोहित, ज्वाला, समेत अपने साथियो के साथ मिलकर दरोगा और सिपाही को घेर लिया। इस दौरान ट्रैक्टर ट्रॉली को रोक लिया गया। खनन माफिया ने अपने साथियों के साथ दरोगा और सिपाही के साथ मारपीट की। यही नहीं ट्रैक्टर चढ़ाकर जान लेने की कोशिश की गई। हमले के बाद हिस्ट्रीशीटर और खनन माफिया ट्रैक्टर लेकर भाग निकले।

जानलेवा हमले पर पहुंचे आलाधिकारी
दरोगा और सिपाही पर जानलेवा हमले की सूचना पर पहुंचे एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव और सीओ घाटमपुर रवि कुमार सिंह मौके पर पहुंचे। पुलिस ने ट्रैक्टर की तलाश की तो जंगलों के बीच से मिट्टी से लदा हुआ ट्रैक्टर बरामद हो गया।

घाटमपुर सीओ रवि कुमार सिंह ने बताया कि 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आरोपियों को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 147, 186, 307, 332, 353, 504, 506 और 4/21 खनन अधिनियम के तहत दर्ज किया है।

राजनीतिक संरक्षण में पनप रहा है खनन का कारोबार
इस हमले के बाद साफ है कि खनन माफिया पर जिले में नकेल नहीं लग पाई है। राजनीतिक संरक्षण में खनन माफिया पर मनमानी करके अवैध खनन का काम करने का आरोप है। राजनीतिक संरक्षण होने की वजह से खनन माफिया पुलिस से डरने की बजाए उनसे भिड़ने की हिम्मत जुटा रहे हैं। पिछले साल कानपुर जिले में ही फतेहपुर के बॉर्डर पर खनन रोकने गए दो सिपाहियों पर हमला हुआ था। माफिया के गुर्गे एक सिपाही को जेसीबी के बॉकेट में डालकर फतेहपुर की सीमा तक लेकर चले गए थे।



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