गुर्जर समाज की 1 नवंबर को पूरे राजस्थान को जाम करने की चेतावनी, आरक्षण आंदोलन को लेकर सरकार अलर्ट
जयपुर। राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन की चिंगारी एक बार फिर से भड़क सकती है। आरक्षण की मांग पूरी तरह से नहीं माने जाने से नाराज गुर्जर समाज ने 1 नवंबर को सड़क पर उतरने का ऐलान किया है । गुर्जर समाज ने भरतपुर जिले के पीलूपुरा से आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके लिये 1 नवंबर को सुबह 10 बजे शहीद स्थल पर महापंचायत होगी । गुर्जर समाज ने आगामी दो दिनों में मांगें पूरी नहीं होने पर पूरे प्रदेश को जाम करने की चेतावनी दी है। इसी दिन नगर निगम चुनावों के दूसरे चरण के तहत मतदान होगा ।
राज्य सरकार ने गुर्जर नेताओं को मंत्रिमंडल की उप समिति के साथ बैठक के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। उधर प्रदेश के खेल मंत्री अशोक चांदना ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने गुर्जर सहित पांच जातियों के आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर केंद्र सरकाअब एक बार फिर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को पत्र लिखा जाएगा । राज्य सरकार ने इस संबंध में विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेज दिया है । चांदना ने कहा कि कोविड़ काल में आंदोलन करना और भीड़ एकत्रित करना समाज के हित में नहीं है।
यह बात गुर्जर नेताओं को समझनी चाहिए । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने देवनारायण बोर्ड का बजट 30 करोड़ बढ़ाया है । उन्होंने कहा कि पिछले आंदोलनों के दौरान 3 लोगों के पुलिस फायरिंग में मौत की बात सामने आई है तो उनके परिजनों को सामाजिक सहयोग से 5-5 लाख की मदद दी जाएगी।
संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मुख्य मांग
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अध्यक्षता में हुई 36 गांवों के समाज की बैठक में तय किया गया कि अगले दो दिन तक सरकार के निर्णय का इंतजार किया जाएगा । वहीं राज्य सरकार ने कहा है कि सभी मांगों का निस्तारण बातचीत से ही संभव होगा। सरकार ने गुर्जर नेताओं को वार्ता के लिये जयपुर आने का न्यौता दिया है, लेकिन वे इससे सहमत नहीं हैं।
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