कब से शुरु है दिवाली उत्सव, धनतेरस, लक्ष्मी पूजा, गोवर्धन पूजा तथा भैया दूज

दशहरा के बाद लोगों को अब दिवाली के 5 दिवसीय उत्सव का बेसब्री से इंतजार है। दशहरे के बाद दिवाली भारत में एक बड़ा त्योहार है। जानकारी के लिए बता दें कि दिवाली सिर्फ एक दिन की नहीं होती है, यह 5 दिनों का त्योहार होता है। इसमें हर दिन कुछ नया और होता है। दिवाली का त्योहार कार्तिक अमावस्या को होता है, लेकिन इसका प्रारंभ कार्तिक द्वादशी को गोवत्स द्वादशी से होता है। दिवाली का समापन पांचवे दिन भैया दूज या यम द्वितीया से होता है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष दिवाली, धनतेरस, गोवर्धन पूजा, लक्ष्मी पूजा, भैया दूज कब है। इसकी सही तिथियां क्या हैं।



1. दिवाली का पहला दिन: गोवत्स द्वादशी


दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को पड़ने वाली गोवत्स द्वादशी से प्रारंभ होता है। गोवत्स द्वादशी दिवाली का पहला दिन होता है। इस बार गोवत्स द्वादशी 12 नवंबर दिन गुरुवार को है। कार्तिक कृष्ण द्वादशी तिथि का प्रारंभ 11 नवंबर को देर रात 12 बजकर 40 मिनट से हो रहा है, जो 12 नवंबर को रात 09 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। गोवत्स द्वादशी के दिन पूजा का मुहूर्त शाम को 05 बजकर 29 मिनट से रात 08 बजकर 07 मिनट तक है। इस दिन गोवंश की पूजा होती है।


. दिवाली का दूसरा दिन: धनतेरस


दिवाली का दूसरा दिन धनतेरस होता है, इसे धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। हिन्दी पंचांग के अनुसार, धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को होती है। इस साल धनतेरस 13 नवंबर दिन शुक्रवार को है। त्रयोदशी तिथि का प्रारम्भ 12 नवंबर को रात 09 बजकर 30 मिनट से हो रहा है, जो 13 नवंबर को शाम 05 बजकर 59 मिनट तक है। धनतेरस पूजा का मुहूर्त शाम को 05 बजकर 28 मिनट से शाम 05 बजकर 59 मिनट तक है। इस दिन यम दीपम भी होता है। यमराज के लिए घर के बाहर एक दीपक जलाया जाता है।


3. दिवाली का तीसरा दिन: नरक चतुर्दशी तथा लक्ष्मी पूजा


दिवाली का तीसरा दिन कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि को पड़ने वाली नरक चतुर्दशी होती है, लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, चतुर्दशी तिथि तथा अमावस्या तिथि कई बार एक दिन ही पड़ जाती है। दिवाली कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है, इस दिन लक्ष्मी पूजा होती है। इस बार नरक चतुर्दशी तथा लक्ष्मी पूजा अर्थात दिवाली एक ही तारीख 14 नवंबर को है।



 

नरक चतुर्दशी: कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 13 नवंबर को शाम 05 बजकर 59 मिनट से हो रहा है, जो 14 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 17 मिनट तक है। ऐसे में नरक चतुर्दशी 14 नवंबर को दोपहर 02:17 बजे तक है।


दिवाली या लक्ष्मी पूजा: कार्तिक मास की अमावया तिथि का प्रारंभ 14 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से प्रारंभ हो रहा है, जिसका समापन 15 नवंबर को सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर होगा। ऐसे में दिवाली की लक्ष्मी पूजा 14 नवंबर को होगी।



4. दिवाली का चौथा दिन: गोवर्धन पूजा या अन्नकूट


दिवाली का चौथ दिन गोवर्धन पूजा या अन्नकूट होता है। यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होता है। इस वर्ष कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा का प्रारंभ 15 नवंबर को सुबह 10:36 बजे हो रहा है, जो 16 नवंबर को सुबह 07:06 बजे तक है। गोवर्धन पूजा 15 नवंबर को है। गोवर्धन पूजा का मुहूर्त दोपहर में 03:19 से शाम को 05:27 बजे तक है।



 

5. दिवाली का पांचवा दिन: भैया दूज


भैया दूज दिवाली का पांचवा दिन होता है, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को होता है, इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस वर्ष कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि का प्रारंभ 16 नवंबर को सुबह 07:06 बजे से हो रहा है, जो 17 नवंबर को तड़के 03:56 बजे तक है। ऐसे में इस साल भैया दूज 16 नवंबर को है। भैया दूज का मुहूर्त दोपहर 01:10 बजे से दोपहर 03:18 बजे तक है।


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