भगवती दुर्गा सनातनधर्म की आधारस्तम्भ
भीलवाड़ा हलचल। हरी शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर भीलवाड़ा में महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन के सानिध्य में मंडल पूजन, रुद्राभिषेक, हवन यज्ञ, विभिन्न स्तोत्र के पाठ, श्रीमद् भागवत मूल पाठ पारायण, धार्मिक और आध्यात्मिक अनुष्ठान हो रहे हैं। प्रातःकालीन कथासत्र में पाक्षिक महाशक्ति लीला कथा के बारहवें दिन की कथा का वाचन और प्रवचन करते हुए व्यासपीठ से कथा-प्रवक्ता स्वामी योगेश्वरानन्द जी महाराज ने कहा कि भगवती दुर्गा सनातनधर्म की आधारस् तम्भ हैं। मनुष्य, देव या दानव जब सनातन धर्म को त्याग कर अमर्यादित या अवैदिक जीवन प्रारम्भ करता है तो भगवती दुर्गा प्राकृतिक सन्तुलन बनाकर वेद दर्शित सनातनधर्म की स्थापना करती हैं। भगवती की लीला कथाओं में नारी शक्ति के सशक्तीकरण और आदर्श चरित्र की प्रतिष्ठा की गई है। नारी शक्ति के द्वारा आसुरी और राक्षसी वृत्तियों को ठीक वैसे ही नियन्त्रित किया जा सकता है जैसे भगवती दुर्गा ने मधु-कैटभ, महिषासुर और शुम्भ-निशुम्भ आदि राक्षसों का संहार कर दिया। आरती में महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन, संत मयाराम, संत राजाराम, संत गोविंदराम एवं श्रद्धालु गण उपस्थित रहे।
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