महिला अरबन बैंक में करोड़ों रुपये का ऋण घोटाला- चार साल बाद जौधपुर में मिला आरोपित बोरदिया दंपती, पुलिस ने किया गिरफ्तार


 भीलवाड़ा हलचल। महिला अरबन को-ऑपरेटिव बैंक व सांईनाथ धाम कंपनी लिमिटेड में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने के  मामले में वांछित बैंक की पूर्व अध्यक्ष कीर्ति बोरदिया व उनके सीए पति रविेंद्र बोरदिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। ये दोनों जौधपुर में फरारी काटते मिले, जिन्हें कोतवाली पुलिस यहां ले आई। दोनों से गहन पूछताछ की जा रही है। रविवार को इस दंपती को न्यायाधीश के सामने पेश किया जायेगा। 
कोतवाल नेमीचंद चौधरी ने हलचल को बताया कि रविेंद्र बोरदिया व कीर्ति बोरदिया के खिलाफ कोतवाली, प्रताप नगर व सुभाषनगर में 30 मामले दर्ज हैं।  कीर्ति बोरदिया 2016 में भीलवाड़ा महिला अरबन-कॉ-ऑपरेटिव बैंक की अध्यक्ष थी और उनके पति रविंद्र बोरदिया वित्तीय सलाहकार थे। इन्होंने अन्य लोगों के साथ मिलकर 73 महिलाओं के बैंक में फर्जी हस्ताक्षर कर खाते खुलवाये थे। इसके बाद एक नाकोड़ा एंटर प्राईजेज नामक संस्था बनाई। आरोप है कि इस संस्था के साथ ही अन्य खातों में  3 करोड़ 50 लाख, 77 हजार 250 रुपये स्थानांतरित कर राशि का गबन कर लिया गया।  इस संबंध में पुराना हाउसिंग बोर्ड के मनोज पारख की 20 दिसंबर 2016 रिपोर्ट पर दर्ज मामले में आज बैंक की पूर्व  अध्यक्ष कीर्ति बोरदिया व उनके पति रविंद्र बोरदिया को पुलिस जोधपुर से ले आई। पूछताछ के बाद दंपती को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है। रविवार को दंपती को न्यायाधीश के सामने पेश करेंगी। चौधरी का कहना है कि आरोपितों  के सहयोगियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी है।


 25 करोड़ 75 लाख का गबन जांच में आया सामने  
कोतवाल चौधरी ने बताया कि बैंक में महिलाओं के फर्जी दस्तावेज व फर्जी हस्ताक्षर से फर्जी खाते खोलकर करोड़ों रुपये का ऋण आरोपितों ने प्राप्त कर लिया। जांच में आरोपितों के 25 करोड़ 72 लाख का गबन करना पाया गया है। इसे लेकर अलग-अलग प्रकरण दर्ज हैं। 


 2016 से थे फरार, अब तक 30 मामले दर्ज
रविंद्र बोरदिया व कीर्ति बोरदिया 2016 से फरार चल रहे थे। इनकी गिरफ्तारी के पुलिस भरसक प्रयास कर रही थी। भीलवाड़ा शहर में महिला अरबन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड व सांईनाथ कंपनी प्राईवेट लिमिटेड के संबंध में रविंद्र बोरदिया व कीर्ति बोरदिया व अन्य के खिलाफ फर्जी तरीके से विभिन्न लोगों के नाम ऋण प्रापत कर करोड़ों रुपये के गहन करने के 2016 से अब तक 30 मामले दर्ज हैं। 


एयरफोर्स एरिया से पकड़ा पुलिस ने
बोरदिया दंपती की गिरफ्तारी के लिये अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय गजेन्द्र सिंह जोधा, डीएसपी सिटी भंवर रणधीर सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। टीम ने गहन जांच व प्रयास के बाद दंपती को एयरफोर्स एरिया जोधपुर से डिटेन कर भीलवाड़ा लाया गया। 


पति वित्तीय सलाहकार और पत्नी थी बैंक अध्यक्ष



कोतवाल ने बताया कि रविन्द्र बोरदिया (61) पुत्र डालचन्द बोरदियाव इनकी पत्नी कीर्ति बोरदिया 56 निवासी डी-45 शास्त्रीनगर, भीलवाड़ा्र में से रविंद्र महिला अरबन कॉपरेटिव बैंक के वित्तीय सलाहकार, जबकि कीर्ति बैंक अध्यक्ष थी। इन्होनें ने अन्य आरोपितों के साथ मिलकर योजना बद्ध तरीके से विभिन्न महिला आवेदको के नाम ऋण आवेदन प्रस्तुत कर करोड़ों रुपये के ऋण स्वीकृत करा राशि अपने द्वारा संचालित विभिन्न फर्मो व अपने व अपने सहयोगियो के बैंक खातों मे स्थानान्तरित कर दी थी। 


किश्तों में प्लॉट देने के नाम पर भी हड़पी राशि 
पुलिस जांच में पाया कि आरोपित रविन्द्र द्वारा श्री सॉईनाथ धाम डवलपर्स प्राईवेट लिमिटेड के डायरेक्टरों से मिलीभगती कर शहर के भोले-भाले लोगों को किश्तों में प्लॉट देने की योजना बताकर किस्तों की करोडों रुपये की राशि प्राप्त कर ग्राहकों को प्लॉट नही दिये ।  उनके द्वारा जमा राशि को धोखाधड़ी पुर्वक श्री सॉईनाथ धाम के डायरेक्टरो के साथ मिलकर हड़पना पुलिस जांच में प्रमाणित पाया गया ।
ये थे पुलिस टीम में 
कोतवाल नेमीचंद चौधरी, एएसआई आशीष मिश्रा साइबर सैल, सुनील कुमार हैडकांस्टेबल, महेंद्र सिंह, मोहम्मद हुसैन, चंद्रपाल सिंह, राजाराम, रविंद्र, दीपक व सत्यनारायण । 


एक नजर


 


 २२ फरवरी २०१६ को साईनाथ डवलपर्स के मामले को लेकर रविन्द्र बोरदिया के शास्त्रीनगर स्थित घर हंगामा हुआ था। उसी प्रकरण के बाद बैंक में हुए घोटाले का मामला सामने आया था।
- फर्जी ऋण को लेकर पहला मामला मंगलपुरा के कन्हैयालाल कीर ने ३ मार्च २०१६ को शहर कोतवाली में दर्ज कराया। यह मामला करीब ७५ लाख का फर्जी ऋण का था।
- ९ मार्च २०१६ को एफडी पर भुगतान पर रोक लगा थी
- १८ अगस्त २०१८ में आरबीआई ने बैंक में लेनदेन पर रोक लगा दी थी।
- ३१ अगस्त २०१८ को आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस निरस्त कर दिया था।
- ४ सितम्बर २०१८ को सहकारी विभाग के रजिस्ट्रार ने लिक्विडेटर नियुक्त कर दिया था।
- वर्तमान में खाताधारक को एक-एक लाख की राशि दी जा रही है।
साईनाथ डवलपर्स से उठा पर्दा
पुलिस के अनुसार साईनाथ धाम डवलपर्स प्रा. लि. में १२५० लोगों को भूखण्डे देने थे। लेकिन किसी को नहीं मिले तो कुछ लोगों रविन्द्र बोरदिया के घर पर रात को हंगामा किया था। गुजरात के एक कम्पनी के साथ मिलकर रविन्द्र बोरदिया समेत अन्य लोग भूखण्ड देने का काम शुरू किया। आरोप है कि इस भूखण्डों पर बैंक के फर्जी लोन तक उठाए गए थे। इस मामले में हुए एक समझौते के बाद ८०० लोगों को भूखण्ड व राशि लौटा दिए थे। लेकिन आज भी लगभग ३०० से अधिक लोगों के भूखण्डों का आवंटन बकाया चल रहे है।


 



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