पीसीसी की नई टीम को लेकर दिसंबर में ऐलान


जयपुर
प्रदेश में राजनैतिक माहौल में एक नया बड़ा बदलाव जल्द होने वाला है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जल्द ही नियुक्तियों किया जाना संभव है। इस संबंध में प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि पंचायत चुनावों के बाद दिसंबर में ही प्रदेश कांग्रेस में नियुक्तियां शुरू कर दी जाएंगी। मिली जानकारी के अनुसार नई नियुक्तियों की शुरुआत प्रदेश स्तर की तैनातियों से होगी। इसके बाद जिला संगठनों के पदों को भरा जाएगा। 


पांच महीने से संगठन खाली, बढ़ रही कार्यकर्ताओं में नाराजगी
आपको बता दें कि प्रदेश में पंच-सरपंच चुनाव से लेकर तीन बड़े शहरों में नगर निगम के चुनाव भी संपंन्न हो गए। लेकिन फिर भी राजनैतिक नियुक्तियां नहीं हुई। पंचायत चुनाव के बाद से ही लगातार यह सवाल किया जा रहा था कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से नियुक्तियां कब होगी। सूत्रों की मानें, तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश प्रभारी अजय माकन से भी इस संबंध में सिफारिश की जा चुकी है। निकाय चुनाव में बिना सेना की गोविंद सिंह डोटासरा का मैदान में उतरना भी राजनैतिक चर्चाओं का विषय बना था। अब नगर पालिकाओं के चुनाव भी हो रहे हैं। लेकिन चुनावों के इस दौर में भी पांच महीने से नियुक्तियां ना होने से कार्यकर्ता अब नाराज होने लगे हैं। लिहाजा अब दिंसबर में ही तैनाती करने का फैसला लिया गया है।


उप चुनावों को लेकर तैयारी
बताया जा रहा है कि जहां एक ओर पहले से ही कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए पीसीसी में नियुक्तियों को लेकर चर्चा हो रही है। वहीं इसकी एक बड़ी वजह आगामी विधानसभा उपचुनाव भी है। कांग्रेस चाहती है कि पूरी मजबूती के साथ उपचुनावों में उतरा जाएं, ताकि मध्यप्रदेश की तरह राजस्थान में कांग्रेस को हार का सामना नहीं करना पड़े। आपको बता दें कि नवंबर माह में ही कांग्रेस देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव व उपचुनावों में करारी शिकस्त झेल चुकी है। लिहाजा अब राजस्थान में जमीन मजबूत करने का सिलसिला शुरू किया जा रहा है। 

ओवैसी की एंट्री और मुस्लिम नेताओं की नाराजगी का असर
बताया जा रहा है कि एक ओर जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नाराजगी झेलने लगी है। वहीं निकाय चुनाव में मजबूत जीत के बाद भी प्रदेश के एक भी नगर निगम में मुस्लिम प्रत्याशी को मेयर ना बनाने को लेकर नेताओं में नाराजगी है। उल्लेखनीय है कि जयपुर हैरिटेज में 21 कांग्रेस व 8 निर्दलीय सहित 29 मुस्लिम प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की गई थी। मुस्लिम संगठनों की ओर से मांग की जा रही थी कि जयपुर हैरिटेज में मुस्लिम मेयर बनाया जाए, लेकिन प्रदर्शन और लगातार मांग के बावजूद भी कांग्रेस ने किसी भी निगम में मुस्लिम मेयर को जगह नहीं दी। यहीं वजह है कि मुस्लिमों का एक बड़ा वर्ग कांग्रेस संगठन से नाराज हो गया है। इधर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के राजस्थान में आने की सुगबुगाहट भी कांग्रेस को सता रही है। कांग्रेस नहीं चाहती है कि मुस्लिम वर्ग का एक बड़ा धड़ा प्रदेश में कांग्रेस के हाथ से किसक जाएं, लिहाजा पीसीसी में बड़े स्तर पर मुस्लिम नेताओं को जगह देने की बात भी कही जा रही है। लिहाजा जल्द से जल्द यह नाराजगी दूर करने की कोशिश है।


सियासी संकट अभी भी है जारी !
सूत्रों की मानें, तो प्रदेश में अभी भी गहलोत सरकार पर राजनैतिक संकट छाया हुआ है। पांच महीने पहले सचिन पायलट और उनके समर्थकों को संगठन से हटाने के बाद कांग्रेस में प्रदेश व जिला कार्यकारिणियां भी भंग कर दी गई थीं। लेकिन बार-बार उनके कांग्रेस संगठन के कुछ लोगों और बीजेपी की नेताओं की ओर से गहलोत सरकार की राजनैतिक अस्थिरता को लेकर संकेत दिए जाते रहे हैं।



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