स्वास्तिक हॉस्पिटल में गैस लिकेज के बाद हुआ शॉर्टसर्किट, फैला धुआं, अफरा-तफरी के बीच 67 मरिजों को किया शिफ्ट
भीलवाड़ा हलचल। शहर के एक निजी अस्पताल में रविवार रात ऑक्सीजन सप्लाई रूम में गैस लिकेज होने के बाद शॉर्टसर्किट हो गया और आग लग गई। ग्राउंड फ्लोर में हुई इस घटना के बाद तीन मंजिला अस्पताल में धुआं भर गया, जिससे मरिजों की जान सांसत में आ गई। वहीं मरिजों के साथ-साथ अस्पताल स्टॉफ में भी अफरा-तफरी मच गई। समय रहते पुलिस के पहुंच जाने से अस्पताल के 21 कोविड मरिजों सहित 67 मरिजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इनमें से कुछ को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट करवा दिया गया, जबकि कुछ मरिजों को पुन: इसी अस्पताल में रखा गया । गनिमत रही कि इस घटना में कोई अनहोनी नहीं हुई। लेक्टर व एसपी ने भी अस्पताल पहुंच कर घटना की जानकारी ली। बता दें कि इलाके में गश्त कर रही सीआई पुष्पा कासौटिया ने अस्पताल में धुआं और मरिजों को निकालते देखा तो उन्होंने दमकल व अधिकारियों को सूचना दी और पुलिस जाब्ते के साथ बचाव व राहत कार्य में जुट गई।
सुभाषनगर पुलिस ने हलचल को बताया कि राजीव गांधी ऑडिटोरियम क्षेत्र में स्थित स्वास्तिक हॉस्पिटल में रविवार रात करीब सवा नौ बजे यह घटना हुई। बताया गया है कि हॉस्पिटल के ग्राउंड फ्लोर में ऑक्सीजन सप्लाई रूम बना है, जिसमें अचानक गैस रिसाव हो गया। इसकी भनक किसी को नहीं लग पाई। देखते ही देखते गैस फैल गई और बिजली लाइन में शॉर्ट सर्किट हो गया।
अस्पताल में जब धुआं फैला तो इसकी जानकारी हॉस्पिटल स्टॉफ को हुई। उनमें अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान ग्राउंड फ्लोर से निकला धुआं अस्पताल की तीसरी मंजिल तक सभी वार्डों में फैल चुका था। अस्पताल में भर्ती मरिजों की जान सांसत में आ गई। धुऐं के कारण मरिजों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी।
इसी दौरान गश्त करते हुये अस्पताल के बाहर से गुजर रही सुभाषनगर थाना प्रभारी पुष्पा कासौटिया ने स्वास्तिक हॉस्पिटल के बाहर भीड़ जुटी हुई और धुआं निकलते देखा तो उन्होंने घटना की जानकारी लेते हुये दमकल के साथ ही अधिकारियों को सूचना दी। थाने से जाब्ता बुलवाया। इसके बाद पुलिसकर्मी अस्पताल में पहुंचे और 67 मरिजों को एक-एक कर अस्पताल से निकाला और एंबुलेंस के जरिए उन्हें दूसरे अस्पतालों में भिजवाया। साथ ही मैकेनिक को बुलवाकर पुलिस ने गैस लिकेज पर काबू पाया। इस बीच दमकल भी मौके पर पहुंच गई। इससे पहले अस्पताल में रखे अग्निशमन यंत्रों से आग पर काबू पाया। घटनाक्रम करीब आधे घंटे से ज्यादा देर तक चला। इस बीच, कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते व पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा भी अस्पताल पहुंचे और वहां का जायजा लिया। पुलिस का कहना है कि अस्पताल में हुई इस घटना में कोई भी जख्मी नहीं हुआ है। समाचार लिखे जाने तक एडीएम व सीएमएचओ अस्पताल में ही मौजूद थे।
हॉस्पिटल प्रशासन की घोर लापरवाही, नहीं दी किसी को सूचना
मैं, गश्त पर थी। अस्पताल के बाहर भीड़ जमा थी। धुआं उठ रहा था। यह देखकर जानकारी ली। तुरंत अधिकारियों व दमकल को बताया। थाने से जाब्ता बुलाया और इसके साथ ही मरिजों को बचाने में जुट गये। सभी मरिजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। कोई जनहानि नहीं हुई। ऑक्सीजन लिकेज के बाद शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आई है। इस पूरे मामले में हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही रही कि उन्होंने न तो पुलिस, प्रशासन और न ही दमकल को सूचना दी। अगर पुलिस नहीं पहुंचती तो मरिजों की जान भी जा सकती थी।
पुष्पा कासौटिया, थानाअधिकारी, पुलिस थाना सुभाषनगर
ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने से कोविड मरिजों की जान पर मंडराया खतरा
ऑक्सीजन सप्लाई रूम में ऑक्सीजन रिसाव होने से वार्डों में होने वाली ऑक्सीजन सप्लाई पूरी मात्रा में नहीं मिल पाई और कुछ देर के लिए सप्लाई बाधित भी रही। इसके चलते कोविड-19 के साथ ही ऐसे गंभीर रोगी जो ऑक्सीजन पर थे, उनकी जान पर खतरा मंडराने लगा था। कुछ देर तक उन्हें बिना ऑक्सीजन के रहना पड़ा।
मैकेनिक को बुलाकर पाया लिकेज पर काबू
स्वास्थित हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सप्लाई रूम में गैस लिकेज के बाद शॉर्ट सर्किट होने के दौरान मैकेनिक वहां नहीं था। पुलिस ने मैकेनिक को बुलवाया। सुभाषनगर थाने के कांस्टेबल लोकेश शर्मा ने मैकेनिक के साथ धुएं से भरे रूम में जाकर गैस रिसाव पर काबू पाया।
खिड़कियों के शीशे तोड़कर निकाला धुआं
हॉस्पिटल में शॉर्ट सर्किट के चलते लगी आग का धुआं अस्पताल की तीसरी मंजिल तक पहुंच गया। इसके चलते मरिजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। कांस्टेबल लोकेश शर्मा व लक्ष्मीनारायण ने धुआं बाहर निकालने के लिए अस्पताल की चार से पांच खिड़कियों के शीशे तोड़े।
कोविड के साथ ही गंभीर मरिजों को पुलिस ने निकाला
सुभाषनगर पुलिस का कहना है कि अस्पताल में धुआं भरने के कारण मरिजों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। ऐसे में पुलिस जवानों ने कोविड मरिजों के साथ ही सभी मरिजों को एक-एक कर व्हिल चैयर, ट्रॉली के साथ ही हाथ पकड़ कर बाहर निकाला। पुलिस का कहना है कि घटना के वक्त अस्पताल स्टॉफ दूर खड़ा रहा।
21 कोविड व 46 सामान्य मरिज थे अस्पताल में
स्वास्तिक हॉस्पिटल में रविवार रात हुई घटना के वक्त 67 मरिज भर्ती थे। इनमें 21 कोरोना संक्रमित, जबकि 46 जनरल मरिज थे। इनमें से कोविड के 9 मरिजों को बृजेश बांगड़ अस्पताल, 4 को कृष्णा और सात को स्वास्तिक में ही रखा गया, जबकि एक कोरोना संक्रमित मरिज घर चला गया।
कलेक्टर-एसपी ने लिया एक-एक बैड का जायजा
आग की सूचना पर कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते और पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा भी तुरंत ही अस्पताल पहुंच गये। अस्पताल में भरे धुएं के बीच दोनों अधिकारियों ने अस्पताल के एक-एक कमरे का जायजा लेते हुये यह देखा कि कहीं कोई मरिज रह तो नहीं गया। दोनों अधिकारियों ने एक-एक वार्ड और एक-एक बैड चेक किये।
पहले भी सीज हो चुका अस्पताल
आरसी व्यास कॉलोनी स्थित स्वास्तिक हॉस्पिटल पूर्व में एक बार सीज हो चुका है। सूत्रों का कहना है कि इस हॉस्पिटल को कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के चलते 27 मार्च को चिकित्सा विभाग ने सीज कर दिया था।
ये पहुंचे मौके पर
कलेक्टर नकाते, एसपी चंद्रा के साथ ही एएसपी गजेंद्र सिंह जोधा, एडीएम, सीएमएचओ, सुभाषनगर थाना प्रभारी कासौटिया, कोतवाल नेमीचंद चौधरी, भीमगंज थाना प्रभारी प्रकाशचंद्र भाटी, ट्रैफिक इंचार्ज मेघना त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।
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