कर्मचारी बीमा अस्पताल को केन्द्रीक़त करने की मांग
भीलवाडा (हलचल)। मेवाड चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री ने केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार एवं लघु व मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी को प्रतिवेदन भेजकर कर्मचारी बीमा निगम के भीलवाडा अस्पताल को अपग्रेड कर 100 बेड का करने एवं इसे राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र से हटाकर केन्द्रीय कर्मचारी बीमा निगम के तहत करने की मांग की है। हाल ही में कर्मचारी बीमा निगम की केन्द्रीय समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि श्रमिक बहुलता वाले अस्पतालों को केन्द्रीय कॉपोरेशन के नियन्त्रण में दिया जाएगा ताकि वांछित संख्या में डॉक्टरों की नियुक्ति हो सके एवं लाभार्थियों को सभी तरह की मेडीकल सुविधाएं प्राप्त हो सके। मेवाड चेम्बर के मानद महासचिव आर के जैन ने बताया कि भीलवाड़ा जिले में लगभग एक लाख से अधिक कर्मचारी ईएसआई में पंजीकृत है। इन ईकाइयों के नियोक्ता एवं कर्मकारों का एक बहूत बडा हिस्सा अंशदान के रूप मे सरकार को जमा करवाया जाता है। भीलवाड़ा मे लगभग 450 से अधिक टेक्सटाइल इकाईयां एवं 100 अन्य उद्योगों की इकाईयां संचालित है। इनमें से अधिकतर इकाईयां लघु एवं मध्यम उद्योग श्रेणी में आते है। राज्य सरकार की ओर से संचालित स्थानीय ईएसआई अस्पताल में बीमितों को इलाज की पूर्ण सुविधाएं उपलब्ध नही है। इस अस्पताल में डॉक्टरों की वांछित संख्या से 50 प्रतिशत ही डॉक्टर एवं अन्य स्टाफ है, विशेषज्ञ डॉक्टरों का अभाव है। मेवाड चेम्बर की ओर से पिछले वर्षो में इस विषय में राज्य सरकार को कई प्रतिवेदन भेजे गये है। लेकिन सबसे ज्यादा अंशदान करने के बावजूद भी यहां सुविधाओं का अभाव है, कार्ड धारकों को इलाज के लिए मंहगें प्राइवेट अस्पतालों मे शरण लेनी पडती है। पूर्व मे तत्कालीन माननीय केन्द्रीय श्रम मंत्री बंदारु दत्तात्रेय ने अपनी राजस्थान यात्रा में यह आश्वासन दिया था कि भीलवाडा में 100 बेड का मॉडल हॉस्पीटल स्थापित किया जायेगा, मगर 3 वर्ष से अधिक समय होने के बावजूद भी निगम की ओर से इस दिशा मे कोई प्रगति नही हुई है। |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें