कब है शीतला अष्टमी, क्यों लगता है बासी खाने का भोग
चैत्र मास की कृष्णपक्ष की सप्तमी को शीतला सप्तमी और चैत्र मास की कृष्णपक्ष की अष्टमी को शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। होली के बाद शीतला सप्तमी या अष्टमी का त्योहार आता है। इस दिन बासी खाना खाया जाता है और शीतला माता को अर्पित किया जाता है। इसलिए इसे बसौड़ा भी कहते हैं, जिस जगह होली की पूजा होती है, उसी जगह बसौड़े की पूजा की जाती है। जो लोग अष्टमी की पूजा करते हैं वो लोग सप्तमी की रात को खाना बनाकर अष्टमी को बासी खाने को प्रसाद के रूप में शीतला माता को अर्पित करते हैं। इस साल शीतला अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 8 मिनट से 6 बजकर 41 मिनट तक है। नाम के अनुसार ही शीतला माता को शीतल चीजें पसंद हैं। इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से व्यक्ति को चेचक, खसरा जैसे रोगों का प्रकोप नहीं रहता। मान्यता के अनुसार शीतला माता को ठंडी चीजें बहुत प्रिय होती है। शीतला सप्तमी और अष्टमी को ठंडी चीजों का भोग लगाया जाता है। शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त - 06:08 AM से 06:41 PM |
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