खाखला व्यापारी हत्याकांड- तीन घंटे चला प्रदर्शन, तीन दिन में गिरफ्तारी के आश्वासन पर हुआ खत्म, गमगीन माहौल में शव का दाह-संस्कार

 


 भीलवाड़ा हलचल । जिले के धामनिया गांव में एक दिन पहले खाखला व्यापारी की एक दिन पहले गला रेतने के बाद गोली मारकर हत्या कर भागे कातिलों का दूसरे दिन भी कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लग पाया। इस बीच, सोमवार सुबह परिजनों व ग्रामीणों ने गिरफ्तारी नहीं होने तक शव लेने से इनकार कर दिया।  गांव के बाजार भी बंद रखे गये।  स्थिति को देखते हुये आला पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गये। एहतियातन अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। एएसपी गजेंद्र सिंह जौधा व डीएसपी ज्ञानेंद्र सिंह के तीन दिन में कातिलों की गिरफ्तारी के आश्वासन पर तीन घंटे बाद लोगों ने प्रदर्शन खत्म कर शव को उठा लिया, जिसका बाद में गांव के श्मशान पर गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। वही बंद बाजार भी खुल गये। 
काछोला पुलिस ने हलचल को बताया कि  धामनिया निवासी व खाखला व्यापारी देबीसिंह (45) पुत्र शंभूसिंह राजपूत  रविवार दोपहर अपने मकान में सोया हुआ था। परिवार के सदस्य रक्षाबंधन होने से गांव में गये हुये थे। इस दौरान अज्ञात लोगों ने घर में घुसकर देबी सिंह का पहले गला रेत दिया। इसके बाद गोली मारी गई। इसके चलते देबी सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी। पुलिस ने शव को काछोला अस्पताल के शवगृह में सुरक्षित रखवाया था। जहां सोमवार सुबह शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम तो करवा दिया गया, लेकिन शव लेने से परिजनों व ग्रामीणों ने इनकार कर दिया। इनका कहना था कि जब तक कातिल नहीं पकड़े जाते तब तक शव नहीं उठायेंगे। उधर, सुबह करीब नौ बजे धामनिया में ग्रामीण एकत्रित हो गये और कातिलों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के थाना इलाकों में लगातार चोरी, लूट, हत्या जैसे जघन्य अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन पुलिस इनकी रोकथाम के कोई उपाय नहीं कर रही है। पुलिस अधिकारियों के समक्ष ग्रामीणों ने विरोध प्रकट करते हुये हंगामा कर दिया। इसे देखते हुये जिला मुख्यालय से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेंद्र सिंह जौधा, पुलिस लाइन का जाब्ता, मांडलगढ़, बीगोद, कोटड़ी, बड़लियास और बीगोद थानों से भी पुलिस जाब्ता मौके पर बुलवा लिया गया। प्रदर्शन कर रहे सभी समाज के लोग मृतक के घर के सामने जमा हो गये। एएसपी जौधा व डीएसपी सिंह ने ग्रामीणों व मृतक के परिजनों से काफी समझाइश की। इन अधिकारियों ने तीन दिन में कातिलों को गिरफ्तार कर लेने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही तीन घंटे से चल रहा प्रदर्शन खत्म हो सका। 
इसके बाद परिजन काछोला अस्पताल से शव को धामनिया ले गये। जहां शव का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। बाद में बंद बाजार भी खुल गये। पुलिस का कहना है कि हत्या की रिपोर्ट मृतक के पिता शंभुसिंह ने अज्ञात लोगों के खिलाफ दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

पत्नी से अनबन, मां व भाई के पास खाता था खाना
पुलिस ने बताया कि मृतक देबी सिंह की उसकी पत्नी से अनबन चल रही थी। इसके चलते पत्नी व बच्चे अलग खाना बनाकर खाते थे, जबकि देबी सिंह, अपने घर के पास में ही मां व छोटे भाई के पास खाना खाता था, जबकि रहता अपने मकान में ही था। 

तीन लोगों को किया डिटेन
मांडलगढ़ पुलिस ने संदेह के आधार पर बीती रात तीन लोगों को डिटेन किया है, जिनसे पूछताछ की गई। हालांकि इनका कोई रोल अब तक सामने नहीं आया है। ऐसी जानकारी सूत्रों से मिली है। 

 

बेटा भी बाहर गया था, सुबह लौटा
पुलिस का कहना है कि मृतक दो बेटियों व एक बेटे का पिता है। बेटा, कल बाहर था। वह आज सुबह ही घर लौटा। देबी सिंह के खुद के दो ट्रक भी हैं, जिनका उपयोग वह अपने खाखले के धंधे में करता था।  

रंजिश के चलते हत्या की आशंका
पुलिस का कहना है कि जिस बेरहमी से देबी सिंह का गला रेता गया। उससे जाहिर है कि कातिल, मृतक से गहरी रंजिश रखे हुये थे। इसी रंजिश के चलते यह कत्ल किया गया है। 

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