सरकार की घोषणा के बावजूद इस साल नहीं खुला एक भी जनता क्लीनिक
जयपुर। दिल्ली की मोहल्ला क्लीनिक की सफलता को देखते हुए राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने सत्ता संभालने के बाद राज्य के प्रत्येक इलाके में जनता क्लीनिक खोलने की घोषणा की थी। कांग्रेस को उम्मीद थी कि मोहल्ला क्लीनिक का राजनीतिक लाभ जिस तरह से दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी को मिला है। उसी तरह का राजनीतिक फायदा राज्य में कांग्रेस को हो सकता है। इससे गहलोत सरकार की लोकप्रियता भी बढ़ेगी। सीएम ने साल 2019-20 के बजट भाषण में जनता क्लीनिक खोलने की घोषणा की थी। साल, 2020 में तो राज्य के लगभग प्रत्येक जिले में यह क्लीनिक खोले भी गए। लेकिन इस साल के 8 माह में अब तक एक भी क्लीनिक नहीं खुल सका है। इस साल 172 जनता क्लीनिक खोलने की योजना चिकित्सा विभाग ने बनाई थी। लेकिन इनमें से एक भी नहीं खुला। चिकित्सा मंत्री डाक्टर रघु शर्मा क्लीनिक नहीं खुलने का कारण कोरोना बताते हैं। वहीं, भाजपा के वरिष्ठ विधायक कालीचरण सराफ का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान ही ऐसे क्लीनिक की जरूरत थी। अब तो कोरोना पर भी लगाम लगी है। लेकिन सरकार अपनी इस घोषणा पर अमल नहीं कर रही है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने तय किया था कि दानदाताओं के माध्यम से भवन निर्मित करवाए जाएंगे। इनमें एक चिकित्सा अधिकारी, दो नर्स श्रेणी द्वितीय, एक फर्मासिस्ट, एक सफाईकर्मी और तीन अन्य स्टाफकर्मी तैनात करने का निर्णय लिया गया था। सीएम ने कहा था कि इनका संचालन चिकित्सा विभाग करेगा। लेकिन चिकित्सा विभाग इस साल में अब तक नए जनता क्लीनिक नहीं खोल पाया है। उधर चिकित्सा विभाग तक ग्रामीण इलाकों से शिकायत पहुंच रही है कि मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली दवा भी जरूरतमंद मरीजों को नहीं मिल रही है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में दवा की समस्या सामने आ रही है |
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