फिर बढ़ी ड्रैगन की दादागिरी; पूर्वी लद्दाख के बाद अब उत्तराखंड में चीन के 100 सैनिकों ने की घुसपैठ, पुल तोड़कर भागे
पूर्वी लद्दाख में भारत की सेना से मुंह की खाने के बाद भी चीन नहीं सुधरा है। इस बार उसने उत्तराखंड में घुसपैठ की कोशिश की है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के लगभग सौ सैनिक सीमा का उल्लंघन कर पिछले महीने उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर में घुस आए थे। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। बता दें कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सेना ने घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया था और इस झड़प में चीनी सेना के कई सैनिक मारे गए थे और फिर ड्रैगन को पीछे हटना पड़ा था। सूत्रों ने बताया कि यह घटना 30 अगस्त की है। चीनी सैनिक घुसपैठ के कुछ घंटे बाद बाराहोती से लौट गए। हालांकि, रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि चीनी सैनिकों ने लौटने से पहले भारतीय इलाके में बने एक पुल को ध्वस्त कर दिया। बताया जा रहा है कि चीनी सैनिक पांच किलोमीटर अंदर भारतीय सीमा में घुस आए थे। उनके साथ 50 घोड़े भी थे। इस क्षेत्र में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान तैनात हैं। जवाबी रणनीति के तहत भारतीय सैनिकों ने क्षेत्र में गश्त की। चीनी सैनिकों के भारतीय सीमा में दाखिल होने को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है, जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के कई क्षेत्रों में गतिरोध जारी है। सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्षों में सीमा को लेकर अलग-अलग धारणाओं के चलते बाराहोती में उल्लंघन की घटनाएं हो रही हैं। हालांकि, भारतीय अधिकारियों को 30 अगस्त के दिन सीमा पार आने वाले चीनी सैनिकों की संख्या को लेकर आश्चर्य हुआ। चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास बुनियादी ढांचे का विकास भी तेज कर दिया है। भारत ने पूर्वी लद्दाख में हुए टकराव के बाद एलएसी पर निगरानी बढ़ा दी है। क्षेत्र में दोनों देशों ने अपने 50 से 60 हजार जवान अब भी तैनात कर रखे हैं। |
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