दिल की बीमारियों से रहना है दूर तो लाइफस्टाइल में करें ये 11 बदलाव

 


दिल से जुड़ी बीमारियां सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मौतों का सबसे बड़ा कारण बनी हुई हैं। दिल से संबंधित बीमारियों का ख़तरा तब बढ़ जाता है, जब व्यक्ति की लाइफस्टाइल ख़राब हो, अस्वस्थ खापान की आदत हो या फिर परिवार में दिल से जुड़े रोगों का इतिहास हो। इसके अलावा स्मोकिंग, शराब का ज़्यादा सेवन, मोटापा, तनाव, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और उम्र बढ़ने के साथ भी दिल की बीमारी हो सकती है।

आज के दिन यानी 29 सितंबर को हर साल विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों को इस जानलेवा बीमारी के प्रति जागरुक किया जा सके। इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में चीफ़ डायटीशियन, डॉ. काजल पंड्या येपथो ने कहा, "दिल को स्वस्थ बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है। दिल की बीमारियों का सबसे आम कारण है फैट यानि वसा। इसके अलावा ज़्यादा नमक और चीनी के सेवन से भी दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए अपने आहार में फल, सब्ज़ियां, फाइबर भरपूर मात्रा में शामिल करें। सेहतमंद वसा का सेवन करें, चीनी और नमक कम मात्रा में लें, ऐसा करने से दिल की बीमारियों की संभावना कम हो जाएगी। साथ ही अच्छी नींद लें, अगर धूम्रपान करते हैं तो छोड़ दें, अपने वज़न पर नियंत्रण बनाए रखें। ओबेसिटी से बचने के लिए शारीरिक व्यायाम करें। इन सब कारकों को अपनाकर आप दिल की बीमारियों की संभावना को कम कर सकते हैं।"

दिल की बीमारी से बचना है तो ऐसी हो लाइफस्टाइल

दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल्स की चीफ़ न्युट्रिशनिस्ट, डॉ. प्रियंका रोहतगी ने दिल को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कुछ सुझाव दिए:

1. सक्रिय रहें: बैठने के 30 मिनट बाद मैटाबोलिज़्म 90 फीसदी तक धीमा हो जाता है। बैठे रहने से शरीर में ऐसे एंज़ाइम कम होने लगते हैं जो आपकी आर्टरीज़ और मांसपेशियों में बुरी वसा को निकाल सकें। आपके शरीर के नीचले हिस्से की मांसपेशियां सुस्त हो जाती हैं और दो घंटे के बाद अच्छा कॉलेस्ट्रॉल 20 फीसदी तक कम हो जाता है।

2. फाइबर पर ध्यान दें: फाइबर का सेवन करने से पाचन तंत्र का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है। इससे शरीर से अतिरिक्त कॉलेस्ट्रॉल और चीनी निकल जाती है और आपका वज़न नियन्त्रण में बना रहता है।

3. सेहतमंद वसा का सेवन करें: मेवे, बीजों के तेल, मछली का सेवन करें। बेकरी प्रोडक्ट्स, मार्गारिन, ट्रांसफैट के सेवन से बचें।

4. पांच फल और सब्ज़ियां: पौधों से मिलने वाले प्रोडक्ट्स, खासतौर पर रंगीन फलों, मौसमी सब्ज़ियां में भरपूर मात्रा में फाइटोन्युट्रिएन्ट्स होते हैं, जो दिल की सेहत को ऑक्सीडेशन से सुरक्षित रखते हैं।

5. हल्का और साधारण खाना पकाएं: अगर खाना सही तापमान और मीडियम में नहीं पकाया जा रहा है तो यह दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है। ज़्यादा तापमान, सूखी हीट, बारबेक्यु और रोस्टिंग से भोजन के अवयव बदल जाते हैं और इनमें हानिकर ग्लाइसेशन बनने लगता है इसिलए स्टीम, सॉट और बॉइल करके खाना पकाएं।

6. अपनी कमर पर ध्यान दें: पेट पर जमी वसा ही दिल की बीमारियों का सबसे बड़ा कारण होती है।

7. धूम्रपान छोड़ दें, क्योंकि इससे शरीर में ढेर साले फ्री रेडिकल्स बनते हैं और दिल को नुकसान पहुंचता है।8.कैलोरी रिच एवं प्रोसेस्ड भोजन के सेवन से बचें: प्लांट्स में बने भोजन के बजाए पौधों पर उगे भोजन का सेवन करें।

9. एचएफएसएस यानि हाई फैट, सॉल्ट, रिफाईन्ड शुगर को कहें ना- ज़्यादा वसा, नमक और रिफाइन्ड चीनी का सेवन न करें।

10. एल्कॉहल का सेवन नियन्त्रित मात्रा में ही करें: ज़्यादा मात्रा में सेवन से लिवर और दिल के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है।

11. अच्छी नींद लें, ताकि सरकार्डियम रिदम ठीक रहे और शरीर में हॉर्मोनों का संतुलन बना रहे।

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