एलएसी पर भारत चीन को देगा मुंहतोड़ जवाब, बोफोर्स, रॉकेट सिस्टम समेत होवित्जर तोपें तैनात
दिल्ली भारत के खिलाफ चीन एक बार फिर अपनी चाल टेढ़ी करने लगा है. ड्रैगन की हरकत को देखते हुए भारत भी एलएसी पर अपनी ताकत बढ़ा रहा है. भारत एलएसी समेत पूर्वी लद्दाख की सीमा पर अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए 105 मिमी फील्ड गन, बोफोर्स और रॉकेट सिस्टम से लेकर स्पैंकिंग नए M-777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर तक दूर तक मार करने वाले तोपखानों की तैनाती कर रहा है. भारतीय सेना ने एलएसी पर की एम-777 होवित्जर तोपों की तैनाती: चीन के साथ हो रहे तनाव को देखते हुए भारतीय सेना ने अपनी तैयारी में काफी बदलाव किया है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सेना ने एम-777 होवित्जर तोपों की तैनाती की है. होवित्जर तोपें 30 किमी तक के टारगेट को ध्वस्त कर सकती हैं. हल्की होने की वजह से इसे कम वक्त में ही एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है. चीन के खिलाफ मोर्चे के लिए भारत एम-777 हॉवित्जर तैनात किया है. बता दें भारत ने अमेरिका से 5 हजार करोड़ रुपये से अधिक के रकम की 145 तोपों खरीदी हैं. जिसमे से करीब आधी देश आ चुकी हैं. चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 30 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली तीन एम-777 रेजीमेंटों को तैनात किया गया है. बता दें, अमेरिका से ली जा रही एम-777 की कुल सात रेजिमेंट बननी हैं. तीन रेजिमेंट बन गयी हैं और चौथी रेजिमेंट बनने की प्रक्रिया में है. इधर, चीन पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर नये मॉड्यूलर कंटेनर आधारित टेंट बना रहा है. चीनी टेंट ताशीगोंग, मांजा, हॉट स्प्रिंग्स और चुरुप के पास भी लगाये गये हैं. इससे जाहिर होता है कि चीन कितने दबाव में है. इधर भारतीय सेना अधिकारियों का कहना है कि, पिछले साल चीनी कार्रवाई के बाद भारतीय प्रतिक्रिया, खासकर गलवान घाटी टकराव के बाद, भारत ने पड़ोसी देश को हैरान कर दिया और उसने उन क्षेत्रों में सैनिकों को तैनात किया जहां पहले कभी तैनाती नहीं होती थी. आकाश प्राइम ने बढ़ायी ताकत: जमीन से आसमान में मार करने वाले आकाश मिसाइल के एडवांस वर्जन के सफल परीक्षण ने भारत की ताकत और बढ़ा दी है. आकाश प्राइम मिसाइल ने दिखाया कि वह किस तरह दुश्मन के विमानों का पता लगाकर इसे ध्वस्त करने में सक्षम है. डीआरडीओ ने कहा कि ‘आकाश प्राइम’ ने मानवरहित एरियल टारगेट को दुश्मन का विमान मानते हुए इसकी तलाश की और उसे सफलतापूर्वक मार गिराया. |
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