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,जयपुर! राजस्थान हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाई है। जयपुर नगर निगम क्षेत्र सफाई करने वाली बीवीजी कंपनी के 276 करोड़ के भुगतान के बदले 20 करोड़ की रिश्वत से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने बुधवार को निंबाराम की याचिका पर सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश दिए हैं। जस्टिस सतीश शर्मा ने निंबाराम को सात दिन में अनुसंधान अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए कहा है। जस्टिस शर्मा ने कहा कि राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इस मामले में बाहरी दबाव के बिना जांच की जाए । निंबाराम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर स्वयं के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर और ब्यूरो की कार्रवाई को रद्द करने की गुहार लगाई थी । निंबाराम की याचिका में कहा गया कि प्रकरण में याचिकाकर्ता का नाम राजनीतिक द्वेषता के चलते शामिल किया गया है । सत्तरूढ़ पार्टी के नेता सार्वजनिक मंच पर बयानबाजी कर रहे हैं। बैठकों में प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। याचिका में कहा गया कि बीवीजी मामले में बकाया भुगतान को लेकर जो वीडियो सामने आया है उसमें भी रिश्वत को लेकर याचिकाकर्ता की ओर से कोई बातचीत नहीं है।ब्यूरो ने सत्ता के दबाव में आकर एफआईआर में याचिकाकर्ता का नाम शामिल किया है । एफआईआर में से नाम हटाने और ब्यूरो द्वारा याचिकाकर्ता के खिलाफ की जा रही जांच को रोकने का आग्रह किया गया है। उल्लेखनीय है कि जुलाई माह में एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था,जिसमें जयपुर नगर निगम ग्रेटर की महापौर सोम्या गुर्जर के पति राजाराम,बीवीजी कंपनी के दो प्रतिनिधियों संदीप चौधरी और ओमप्रकाश सप्रे को दिखाया गया था । |
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