8 दिन के शारदीय नवरात्र की तैयारियां पूरी, सजा माता का दरबार


भीलवाड़ा(हलचल)नवरात्र आते ही देवी भक्तों के मन में भक्ति का ज्वार फूटने लगता है। बड़ी संख्या में लोग व्रत रखते हैं और नवरात्र के अंतिम दिन व्रत तोड़ते हैं। देवी पूजा का महापर्व शारदीय नवरात्र आगामी 7 अक्टूबर गुरुवार से शुरू हो रहा है। जिसको देखते हुए देवी मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जा रहा है। घर-घर में कलश स्थापना कर अखंड ज्योति जलाने की मान्यता है। इस बार नवरात्र 8 दिन का होगा।

7 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं शारदीय नवरात्र

 पंडित अरविंद दाधीच  ने बताया कि शारदीय नवरात्र आगामी 7 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं। महाअष्टमी व्रत 13 अक्टूबर को होगा। जबकि महानवमी 14 अक्टूबर को है। जबकि 15 अक्टूबर को दशहरा का त्यौहार मनाया जाएगा। 7 अक्टूबर को मां जगदंबा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री के दर्शन और पूजन से शुरू होंगे नवरात्र।

देवी मंदिरों को किया गया तैयार

हरणी स्थित चामुंडा माता मंदिर, पुर स्थित घाटारानी का मंदिर,  बस स्टैंड स्थित दुर्गा मंदिर, कोदूकोटा में कालिका माता मंदिर जिले के भरक माता, धनोप माता जी बाडिया का माताजी के साथ ही जोगणिया माता , जीण माता, कालिका माता शक्तिपीठ सहित अन्य देवी मंदिरों में नवरात्र की तैयारी लगभग पूरी हो गई है। माता के दरबार को फूल मालाओं से सजाया जा रहा है। जिला प्रशासन नवरात्र को देखते हुए सतर्क है। देवी मंदिरों के आसपास सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। महिला पुलिस सहित अन्य जवानों को भी तैनात किया गया है। चैत्र नवरात्र सहित अन्य त्योहार कोविड-19 की भेंट चढ़ गए थे। इसे देखते हुए इस बार भक्तों में विशेष उत्साह है।

7 अक्टूबर, गुरुवार से प्रारंभ हो रही नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि में कलश स्थापना या घट स्थापना का महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास प्रतिपदा तिथि का आरंभ 06 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 35 मिनट पर हो रहा है और प्रतिपदा तिथि 07 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक रहेगी।

शास्त्रों में व्रत एवं त्योहार उदया तिथि में मनाने का विशेष महत्व होता है। ऐसे में 07 अक्टूबर को प्रतिपदा तिथि में सूर्योदय के साथ ही शारदीय नवरात्रि प्रारंभ होंगे। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है।

शारदीय नवरात्रि 2021 कलश स्थापना मुहूर्त-

शास्त्रों के अमुसार, सूर्योदय के समय से 04 घंटे तक आप शांति कलश स्थापना कर सकते हैं। दिल्ली वासी 07 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 17 मिनट से 10 बजकर 17 मिनट तक कलश स्थापना कर सकते हैं। इसके अलावा कलश स्थापना का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा।

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