जायसवाल का कि‍या सम्‍मान

 

भगवानपुरा  ( कैलाश शर्मा ) व्यक्ति के राजकीय सेवा से सेवानिवृत्ति के उपरांत कई ऐसी सामाजिक ,पारिवारिक एवं अन्य जिम्मेदारियां और बढ़ जाती हैं जिसका निर्वहन उसे अपनी सेवानिवृत्ति के पश्चात शेष जीवन में करना चाहिए, ऐसे बहुत ही कम व्यक्ति मिलते हैं जिन्हें सेवानिवृत्ति के उपरांत याद किया जाए ।

 उक्त विचार सोमवार को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बावड़ी में कार्यरत वरिष्ठ अध्यापक जगजीवन राम जायसवाल के 30 वर्षीय गौरवमयी राजकीय सेवा से सेवानिवृत्ति के उपलक्ष में आयोजित सम्मान समारोह कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य राजेंद्र सिंह गहलोत ने व्यक्त किए । उन्होंने कहा कि व्यक्ति को राजकीय सेवा काल के पश्चात भी निरंतर क्रियाशील कार्यशील एवं किसी न किसी प्रकार के कार्यों में व्यस्त रहना चाहिए ताकि शेष जीवन भी सुखमय व्यतीत हो सके ।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त होने वाले अध्यापक जगजीवन राम जायसवाल ने कहा कि मेरा मैं जहां भी राजकीय सेवा में रहा मेरा समय सभी सहयोगी साथियों के सानिध्य में सादगी पूर्ण एवं अत्यंत मधुर संबंधों के साथ व्यतीत हुआ है यह सबसे बड़ी उपलब्धि है साथ ही सेवाकाल के दौरान कहीं भी किसी भी व्यक्ति को मेरे द्वारा शाब्दिक , वचनिक, मानसिक या किसी भी प्रकार से ठेस पहुंची हो उसके लिए उन्होंने क्षमा मांगते हुए कहा कि मुझे अपना छोटा भाई समझ कर मेरी गलतियों को नजर अंदाज कर शेष सुखी जीवन के लिए आशीर्वाद की अपील की । इस अवसर पर सरपंच प्रतिनिधि कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि जायसवाल द्वारा बावड़ी विद्यालय में सरस्वती मंदिर निर्माण कर मूर्ति स्थापना करने एवं कक्षा कक्षों में फर्श बिछवाने , ट्री गार्ड लगवाने जैसे कार्यों की सराहना करते हुए कहा अध्यापक वर्ग में इस प्रकार के भामाशाह बहुत कम देखने को मिलते हैं वास्तव में जायसवाल का यह एक अनूठा उदाहरण लंबे समय तक चिर स्मरणीय रहेगा । समारोह में उपसरपंच शिवलाल सेन, एसएमसी सदस्य गोपाल लाल गाडरी ,उदय लाल चौधरी, ग्राम विकास अधिकारी पंकज सारस्वत, व्याख्याता कैलाश चंद्र वर्मा , महेश तिवाड़ी, वरिष्ठ अध्यापक विष्णु कुमार सोनी ,जाकिर हुसैन अंसारी ,आशा डाड, करतार सिंह ,अध्यापक अब्दुल हमीद अंसारी ,मनोरमा ओझा ,शारीरिक शिक्षक मेवा लाल गुर्जर, कनिष्ठ सहायक हीरा लाल रेगर , पंचायत सहायक शंभू लाल पारीक ,दिनेश चंद्र गाडरी ,रोजगार सहायक सुखदेव लुहार समेत कई उपस्थित थे । संचालन अध्यापक जाकिर हुसैन अंसारी ने किया । समारोह के बाद जायसवाल का बावड़ी गांव में बैंड बाजो से भव्य जुलूस निकाला गया एवं वहां से विदाई के पश्चात उनके पैतृक गांव मोड़ का निंबाहेड़ा में समूचे गांव में बैंड बाजों से जुलूस निकाला जहां जगह-जगह जायसवाल को अपने चिर परिचितो ने साफा बंधवा कर माला पहनाकर शाल ओढ़ाकर स्वागत किया एवं कार्यक्रम के पश्चात स्नेह भोज का आयोजन किया गया ।

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