चुनाव ने खड़ी करा दी घर में ही दीवार बाप-बेटे अलग तो कहीं हुआ पति बनाम पत्नी

 

नई दिल्ली । आगामी उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है। वैसे-वैसे यहां की सरगर्मियां तेज होती जा रही है। पार्टियां चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है और चुनावी विसात पर अपने मोहरे बिछा रही हैं। लेकिन किसे मालूम कि इस चुनावी विसात में कुछ राजनीतिक घर में ही लड़ाई की एक दीवार खींच जाएगी। जी हां, यूपी चुनाव में कहीं पिता-बेटे अलग-अलग पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं, तो किसी सीट पर पति बनाम पत्नी खेल चल रहा है। ऐसे में आज हम आपको यूपी चुनाव में कुछ ऐसे सीटों के समीकरण के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां परिवार में ही जंग छिड़ी है।  पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिला रामपुर में विधानसभा चुनाव में दिलचस्प जंग देखने को मिलेगा। दरअसल, इस जिले में बाप और बेटों की जोड़ी चुनावी मैदान में होगी। काजिम अली खान जहां कांग्रेस के सिंबल से चुनाव लड़ेंगे, तो वहीं इस जिले के अन्य दूसरे विधानसभा सीट से खान के बेटे हैदर अली खान अपना दल (एस) के सिंबल से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि इससे पहले कांग्रेस ने उनको स्वार सीट से ही प्रत्याशी बनाया था लेकिन चुनाव में उतरने से पहले ही उन्होंने अपना दल का दामन थाम लिया।  नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां, जो उत्तर प्रदेश के सबसे अमीर प्रत्याशियों में से एक हैं, को रामपुर सदर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। यूपी की बिधूना सीट पर बाप-बेटी में टक्कर देखी जा रही है। यहां मौजूदा विधायक विनय शाक्य सपा में शामिल हुए तो उनकी बेटी 25 वर्षीय रिया शाक्य को भाजपा ने उसी निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा है। ऐसे में अगर सपा विनय को भी सीट पर उम्मीदवार घोषित करता है तो यहां पिता-बेटी में जंग देखी जाएगी। यहां तक यदि उसके चाचा देवेश को भी उम्मीदवार बनाया जाता है, तो यह चाचा-भतीजी के बीच लड़ाई होगी। यूपी चुनाव में एक और राजनीतिक घर में दीवार खींची हुई है। यह राजनीतिक घर है स्वामी प्रसाद मौर्य की, जो हाल में यूपी कैबिनेट से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हो चुके हैं। उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य बीजेपी में हैं और बदायूं से सांसद हैं। हालांकि इनकी अभी तक सीट तय नहीं हुई है, लेकिन संघमित्रा मौर्य ने हाल ही में कहा था कि पार्टी बेटी और पिता को आमने सामने ताल ठोकने के लिए नहीं कहेगी और कहेगी तो मैं बैकफुट पर आ जाऊंगी पिता जी के सामने ताल नहीं ठोकूंगी।

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