रीट पेपर लीक मामले में भाजपा ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना, डीपी जारौली की हो सकती है गिरफ्तारी

 

 जयपुर। राजस्थान शिक्षक भर्ती परीक्षा (रीट) का पेपर लीक होने के मामले को लेकर भाजपा लगातार गहलोत सरकार पर निशाना साध रही है। विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया और भाजपा के राज्यसभा सदस्य डा. किरोड़ी लाल मीणा ने सीबीआइ से जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि इस घोटाले के तार सरकार में उच्च स्तर से जुड़े हुए हैं। घोटाले में शामिल सभी आरोपित राजीव गांधी स्टडी सर्किल में पदाधिकारी हैं, जिसके संरक्षक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अध्यक्ष आयुर्वेद राज्यमंत्री सुभाष गर्ग हैं। पेपर लीक मामले में स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने परीक्षा के को-आर्डिनेटर प्रदीप पाराशर को गिरफ्तार किया है।

 डीपी जारौली की हो सकती है गिरफ्तारी

परीक्षा के आयोग माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डीपी जारौली की गिरफ्तार किसी भी समय हो सकती है। जारौली को सरकार ने एक दिन पहले ही पद से बर्खास्त किया है। एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक अशोक राठौड़ ने कहा कि रीट को जिन अभ्यर्थियों ने नकल के सहारे पास किया है, उनका बोर्ड से विवरण लेकर परीक्षा परिणाम रद करवाया जाएगा। इस मामले में अब तक 35 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। उधर, जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि जांच में यदि लगा कर गड़बड़ी हुई तो सरकार परीक्षा रद करने में भी पीछे नहीं हटेगी।

 मंत्री गर्ग ने दी सफाई

मंत्री गर्ग ने सोमवार को कहा कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। राजनीतिक विरोधी उनकी छवि बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पेपर लीक करने वाले गिरोह के तार खंगाले जा रहे हैं। गर्ग ने आरोप लगाया कि वर्चस्व की आपसी लड़ाई में भाजपा के नेता मंत्रियों की छवि बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसओजी सही जांच कर रही है। भाजपा सीबीआइ जांच की मांग कर रही है, लेकिन पहले वह यह बताएं कि सीबीआइ क्या बिना दबाव में काम करती है। वहीं, डा. मीणा का आरोप है कि राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े लोग पेपर लीक के मास्टरमाइंड है। गर्ग, पाराशर और जारौली तीनो ही करीबी दोस्त हैं।

 जानें, क्या है मामला

पिछले साल सितंबर में रीट परीक्षा हुई थी। परीक्षा में करीब 16 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परीक्षा के एक दिन पहले जयपुर स्थित शिक्षा संकुल के स्ट्रांग रूम से पेपर लीक हो गया था। अब तक की जांच में सामने आया कि पेपर लाखों की रकम लेकर बेचा गया था। पेपर लीक करने वाले गिरोह में पुलिस के कांस्टेबल, शिक्षा विभाग के कर्मचारी और निजी कालेज के संचालक शामिल हैं। भाजपा का आरोप है कि तत्कालीन शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और गर्ग की सिफारिश पर जारौली को बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया था। जारौली की मिलीभगत से पेपर लीक हुआ है।

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