स्वदेश लौटे 23 राजस्थानी स्टूडेंट्स, गहलोत सरकार ने की घर वापसी तक निःशुल्क व्यवस्था
जयपुर । यूक्रेन में फंसे राजस्थान के 23 और छात्र रोमानिया के बुखारेस्ट से दिल्ली और मुम्बई एयपोर्ट पर पहुंच गए है। इन में से 9 छात्र दिल्ली तथा 14 छात्र मुम्बई एयपोर्ट पर उतरें। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थानी छात्रों को रिसीव करने, होटल में ठहराने तथा सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने की निःशुल्क व्यवस्था करने के निर्देश दिये थे। राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि यूक्रेन से लौटने वाले राजस्थानी नागरिकों और छात्रों की सुविधा के लिए इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, नई दिल्ली और जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं। यूक्रेन में फंसे छात्रों के लिए बनाया व्हाट्सएप ग्रुप राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि यूक्रेन में फंसे हुए लोगों की निकासी के लिए राज्य सरकार तथा राजस्थान फाउंडेशन से मदद मांगने वाले व्यक्तियों तथा छात्रों की सूची तैयार की जा रही है जिसे विदेश मंत्रालय, भारतीय दूतावास और अन्य प्रवासी राजस्थानियों के साथ शेयर किया जाएगा। राजस्थान फाउंडेशन द्वारा इस कार्य के लिए त्रि-स्तरीय व्यवस्था की गई है जिसके तहत राजस्थान फाउंडेशन के टेलीफोन और ईमेल पर प्राप्त होने वाले अनुरोध, जनप्रतिनिधियों और मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त होने वाले नामों और इसके अलावा राजस्थान फाउंडेशन द्वारा यूक्रेन में फंसे छात्रों के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप पर छात्रों को जोड़कर उनका विवरण लिया जा रहा है। धीरज श्रीवास्तव नोडल अधिकारी नियुक्त उल्लेखनीय है किए सीएम गहलोत ने राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। फाउंडेशन की मदद से अब तक 150 से अधिक छात्रों को यूक्रेन से निकालने में सफलता प्राप्त हो चुकी है। फाउंडेशन के अनुसार यूक्रेन में 3 से 4 हजार के बीच राजस्थानी फंसे हुए है। इनमें से 1000 स्टूडेंट्स बताएं जा रहे हैं। परिजन राजस्थान फाउंडेशन से संपर्क मदद की गुहार लगा रहे है। रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले से पूरी दुनिया चिंतित है। यूक्रेन में विभिन्न पाठ्यक्रमों की पढ़ाई करने गए छात्र भी फंसे हुए है। इनमें से बाड़मेर के कुछ छात्र भी शामिल है। मेडिकल की पढ़ाई करने गए छात्र अब सोशल मीडिया के जरिए उन्हें वहां से निकालने की अपील कर रहे है। यह छात्र अब तक तो सुरक्षित ठिकानों में बंद, लेकिन उन्हें इस बात का डर है कब क्या होगा। ऐसे में डर के साए में पल-पल घुट रहे छात्र जल्द से जल्द वहां से निकालने की अपील कर रहे हैं। |
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