4 मार्च फुलेरा दूज पर रहेगी वैवाहिक आयोजनों की धूम
फाल्गुन माह की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज के रूप में मनाया जाएगा । इस बार फुलेरा दूज 4 मार्च को है और यह दिन होली के आगमन का प्रतीक माना जाता है । होली से पहले आने वाली इस दूज से कृष्ण मंदिरों में फाल्गुनी रंग निखरने लगते हैं । होली से करीब पंद्रह दिन पहले शादियों का शुभ मुहूर्त समाप्त हो जाता है । जबकि भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित तिथि फुलेरा दूज के दिन हर पल शुभ होने की शास्त्रोक्त मान्यता के कारण वैवाहिक आयोजन होते है । ज्योतिष शास्त्र में फूलेरा दूज को अबूझ मुहूर्त माना गया है जिसमें इस दिन बिना मुहूर्त देखे सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य किए जा सकते है । इस दिन भगवान कृष्ण और राधा की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम की बहार आती है ।
4 मार्च फुलेरा दूज पर रहेगी वैवाहिक आयोजनों की धूम
विवाह के लिए सर्वोत्तम मुहूर्त
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फुलेरा दूज को हिंदू शास्त्रों में बड़ा ही महत्वपूर्ण दिन बताया है । इसीलिए इस विशेष दिन सर्वाधिक विवाह समारोह भी संपन्न होते हैं । हिंदू पंचांग की मान्यता के अनुसार , फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि विवाह बंधन के लिए वर्ष का सर्वोत्तम दिन है । कहते हैं कि इस दिन विवाह करने से दंपति को भगवान कृष्ण का आशीर्वाद हासिल होता है । सर्दी के मौसम का अंतिम अबूझ सावा
सर्दी के मौसम के बाद इसे शादियों के सीजन का अंतिम सावा माना जाता है । इसका अर्थ है कि विवाह , संपत्ति की खरीद इत्यादि सभी प्रकार के शुभ कार्यों को करने के लिए दिन अत्यधिक पवित्र है । उत्तर भारत के राज्यों में ज्यादातर शादी समारोह फुलेरा दूज की पूर्व संध्या पर होते हैं । जिस तिथि को कृष्ण और राधा ने फूलों की होली खेली वंह फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि थी । इसीलिए इस तिथि को फुलेरा दूज कहा गया । कृष्ण और राधा के मिलन की तिथि को अति शुभ माना जाता है और इसीलिए इस तिथि को विवाह करने वाले युगलों के बीच अपार स्नेह और दांपत्य का मजबूत रिश्ता बनता है ।
ऐसा माना जाता है कि फूलेरा दूज को भगवान श्रीकृष्ण ने होली खेलने की परंपरा की शुरूआत की थी । फुलेरा दूज पर घरों को फूलों और रंगोली से सजाया जाता है । ब्रज क्षेत्र में इस विशेष दिन पर , देवता के सम्मान में भव्य उत्सव होते हैं । प्रतिवर्ष मथुरा में फूलों की होली खेली जाती है । फुलेरा दूज का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य डा . अनीष व्यास ने बताया कि द्वितीया तिथि गुरुवार 3 मार्च , रात्रि 9:35 बजे आरंभ होगी और 4 मार्च रात्रि 8:20 मिनट पर समाप्त होगी । शुक्रवार 4 मार्च को शुभ योग रात 1:45 बजे तक है । फूलेरा दूज पर सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है । |
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