गौमाता की कृपा के लिए गाय की सेवा को अपना धर्म समझे: मूंदड़ा
भीलवाड़ा । पुण्य की पूँजी भी ईश्वर की कृपा हो तो ही बन पाती है । शास्त्रों में गायों की इतनी महिमा होने पर भी सभी लोग़ो का भाव गौं माता के प्रति उतना नहीं बन पाता । तभी तो शहर के मध्य ग़ौ शाला होने पर भी आप हम नित्य नियम से ग़ौ सेवा नहीं कर पाते । जो कर पाते है उन पर तो विशेष कृपा ही होती है गौं माता की। यह बात हमीरगढ़ रोड स्थित रामधाम ग़ौ शाला में भगत राम जी मूंदड़ा ने अपनी धर्मपत्नी के निमित्त गौं दान करवा लापसी वितरण करते हुए कही। उन्होंने कहा की “गॊप्रदाने गुणान सम्यक पुनः परब्रूहि भारत न हि तृप्याम्य अहं वीर शृण्वानॊ ऽमृतम ईदृशम” अर्थात् “गोदान से बढ़कर कुछ भी नहीं है। यदि न्यायपूर्वक प्राप्त हुई गौ का दान किया जाये तो वह समस्त कुल का तत्काल उद्धार कर देती है।(महाभारत अनुशासन पर्व )। इसलिए दिवंगत आत्मा की मुक्ति में कोई संशय नहीं है। सचिव अभिषेक अग्रवाल ने बताया की श्री रामधाम रामायण मण्डल ट्रस्ट की प्रेरणा से गौशाला में गोदान व सेवा निरन्तर जारी है। |
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