| भीलवाड़ा प्रेमकुमार गढ़वाल। पुलिस विभाग में हैडकांस्टेबल के पद पर तैनात रहकर भीलवाड़ा के आमजन की सुरक्षा का बीड़ा उठा रही फारुखा खान की बेटी साहिबा खान मुसीबत में हैं। उसे सरकारी मदद की दरकार है। दरअसल फारुखा खान की यह बेटी यूक्रेन की राजधानी कीव में एमबीबीएस कर रही है। रूस से युद्ध के चलते कीव के हालात खराब हैं। कीव में ही साहिबा सहित देश के विभिन्न प्रांतों के स्टूडेंटस फंसे हैं, जिन्हें एसेंबली से न तो कोई संतोषप्रद जवाब मिल रहा है और न ही कोई सहायता। ऐसे में सभी स्टूडेंट्स एक-एक पल दहशत के साये में काटने को विवश हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि कीव से इंडिया लौटने के लिए कोई फ्लाईट नहीं मिल रही है। ये स्टूडेंट बंकर में शरण लिये हुये हैं और बार-बार वहां की एसेंबली से मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन मदद को कोई आगे नहीं आ रहा है। स्टूडेंट को जहां हैं, वहीं रहने की हिदायत ही दी जा रही है। बता दें कि भीलवाड़ा पुलिस की महिला हैड कांस्टेबल फारुखा खान की बेटी साहिबा खान एमबीबीएस के लिए फरवरी 2019 में यूक्रेन गई थी। वे, अभी थर्ड ईयर की स्टूडेंट हैं और कीव में रह रही है। साहिबा खान ने हलचल से दूरभाष पर बातचीत करते हुये कहा कि कीव में हालात ठीक नहीं है। यहां, उनके साथ ही पंजाब, यूपी, केरल, बंगाल, साउथ के करीब दस स्टूडेंट हैं और सभी लोग सायरन और धमाकों की आवाज सुनकर दहशत में हैं। आज सुबह कीव में बम और मिसाईल गिराई। साहिबा ने बताया कि इस दहशत के बीच उन्होंने एसेंबली से बात की, लेकिन वे कोई मदद नहीं कर पा रही है। एसेंबली ने तो स्टूडेंटस को यहां तक कह दिया कि वे रिस्पोंसिबल नहीं है। सभी स्टूडेंट एसेंबली के भरोसे बैठे हैं। साहिबा ने यह भी बताया कि एसेंबली से कोई संतोषप्रद जवाब अब तक नहीं मिला है, जिससे वहां स्टूडेंट, जबकि इंडिया में उनके पेरेंट्स परेशान हैं। साहिबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट को वहां से सुरक्षित निकालने की मांग की है। फ्लाइट का किराया 90 हजार से 2 लाख तक, वो भी एक तरफ का साहिबा ने बताया कि यूक्रेन से निकलने के लिए पहले तो फ्लाइट उपलब्ध नहीं हो पा रही है, वहीं दूसरी और जिन फ्लाइटस की व्यवस्था हुई थी, उनका किराया 90 हजार से 2 लाख रुपये तक वसूला गया। ऐसे में मीडिल क्लास स्टूडेंट यह किराया वहन नहीं कर पा रहे हैं, जिसके चलते वे अभी भी यूक्रेन में फंसे हैं। सायरन सुनकर दुबक रहे हैं बंकर में साहिबा बताती हैं कि सभी स्टूडेंट कीव में फं से हुये हैं और आज सुबह शुरु हुये बम और मिसाइल के हमलों को लेकर दहशत में हैं। साहिबा का कहना है कि सायरन की जैसे ही आवाज सुनाई पड़ती है, सभी स्टूडेंट बंकर में दुबक जाते हैं। सात से आठ दिन का है खाना पानी कीव मेडिकल यूनिर्वसिटी की एमबीबीएस स्टूडेंट साहिबा का कहना है कि कल सुबह स्टूडेंट्स को मौका मिला तो उन्होंने राशन और पानी खरीद लिया था। अभी उनके पास सात-आठ दिन का राशन-पानी है। साहिबा बताती है कि अभी हालात खराब है और सुधरने के चांस नजर नहीं आ रहे हैं। एग्जाम के चलते नहीं लौटने दिया कीव मेडिकल यूनिर्वसिटी में उनके थर्ड ईयर के एग्जाम थे। इसके चलते उन्हें कीव से नहीं निकलने दिया। इसके चलते अब वे, कीव में फंसे हुये हैं। एक-एक पल दहशत में कट रहा है। सभी स्टूडेंट अपने परिजनों से फोन के जरिये संपर्क में हैं। बेटी की चिंता में रातभर नहीं सोई मां, बिगड़ी हालत उधर, साहिबा के कीव में फंसे होने को लेकर भीलवाड़ा में रहने वाली उनकी मां फारुखा खान का भी बुरा हाल है। बेटी की चिंता में वे, पूरी रात नहीं सो पाई। इसके चलते उनको ब्लडप्रेशर की शिकायत हो गई। ऐसे में उन्हें अस्पताल से उपचार लेना पड़ा। फारुखा बताती हैं कि उनके साथ ही सभी परिजन भी साहिबा को लेकर चिंतित हैं। सभी यह दुआ कर रहे हैं साहिबा खैरियत से यहां आ जाये। | |
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