अबूझ सावे आखातीज पर शादियों की रेलमपेल, हो सकते हैं कई बाल विवाह भी, प्रशासन अलर्ट


भीलवाड़ा हलचल न्यूज.
भीलवाड़ा सहित प्रदेश में अबूझ सावे आखातीज पर हजारों विवाह होने हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में विवाह की आड में बाल विवाह की तैयारी भी चल रही है। हालांकि प्रशासन की ओर से बाल विवाह की रोकथाम के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन फिर भी पिछले सालों के आंकड़े देखें तो कई बाल विवाह हुए हैं और इस आखातीज पर भी मासूमों का विवाह होने की प्रबल संभावनाएं हैं।
राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी बाल विवाह होते हैं। सैकड़ों बच्चों को शादी के बंधन में बांध दिया जाता है, जिसके बारे में वे पूरी तरह से अनजान होते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में तो दूधमुंहे बच्चों तक का विवाह कर दिया जाता है। सरकार की सख्ती के बावजूद चोरी-छुपे बाल विवाह किए जा रहे हैं। हालांकि अब कई मामले ऐसे सामने आने लगे हैं जब बाल विवाह कर चुके जोड़े बड़े होने के बाद उस विवाह को मानने से इनकार कर देते हैं और कानूनी या समाज की पंचायत के माध्यम से उस विवाह को शून्य घोषित करवा लेते हैं। अब युवा जागरूक होने लगे हैं लेकिन अबोध बच्चों को उनके परिजन बाल विवाह की बेड़ियों में बांधने से बाज नहीं आ रहे हैं।
हजारों विवाह होने हैं आखातीज पर
आखातीज को अबूझ सावा माना जाता है। इस कारण इस दिन विवाह का ज्यादा ट्रेंड है। इस आखातीज पर भीलवाड़ा जिले में हजारों विवाह होने हैं। इसके चलते बाजारों में खरीदारी का दौर जारी है। गर्मी के बावजूद लोग विवाह की तैयारियों के लिए भागदौड़ कर रहे हैं। हालांकि अधिकतर खरीदारी का काम पहले ही पूरा हो चुका है। विवाह की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। कोरोना की बंदिशें नहीं होने से लोगों ने काफी तादाद में रिश्तेदारों और परिचितों को विवाह के कार्ड बांटे हैं।
बैंडबाजों से लेकर हलवाई तक सब बुक, पहले से हुए महंगे
आखातीज पर विवाह के आयोजन को लेकर लोगों ने काफी समय पहले ही हलवाई से लेकर बैंडबाजों तक की बुकिंग कर रखी है। कोई भी हलवाई या बैंडबाजा वाला आखातीज के दिन खाली नहीं है। बढ़ती महंगाई के बीच हलवाई और बैंडबाजे वालों ने भी अपने रेट बढ़ा दिए हैं। इसके अलावा कैटरिंग, डेकोरेशन वाले भी महंगे हो गए हैं। खाद्य सामग्री तो पहले से ही महंगी है।

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