मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 6 बांगालादेशी गिरफ्तार
नई दिल्ली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पड़ोसी बांग्लादेश से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला रैकेट के सिलसिले में पश्चिम बंगाल में 11 ठिकानों पर छापेमारी की। इस मामले में ईडी ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। ईडी के मुताबिक इनमें से कुछ लोग जाली पहचान पत्र के जरिए भारतीय के तौर पर छिपकर रह रहे थे। उन्होंने यहां अपना पहचान पत्र, आधार कार्ड और पासपोर्ट तक बनवा लिए थे। ये लोग पश्चिम बंगाल में संपत्तियां खरीदकर बिजनेस कर रहे थे। ईडी के मुताबिक गिरफ्तार लोगों में समूह का कथित सरगना प्रशांत कुमार हलदर इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। ईडी ने पूरे गिरोह का खुलासा किया है। प्रशांत कुमार हलदर पर पड़ोसी देश में 10 हजार करोड़ टका (बांग्लादेशी मुद्रा) की बैंक धोखाधड़ी करने का आरोप है। वहां पर उस पर केस दर्ज है और उसकी तलाश की जा रही है। जिसके बाद उसने यहां भारतीय नागरिक के रूप में अपनी पहचान बनाई और फिर धोखाधड़ी के पैसे के जरिए यहां संपत्तियां खरीदीं। इसके साथ ही व्यापार शुरू कर दिया। ईडी के सूत्रों के अनुसार, छापेमारी और तलाशी अभियान बांग्लादेश स्थित एनआरबी ग्लोबल बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक प्रशांत कुमार हलदर और उत्तर 24 परगना के अशोकनगर निवासी सुकुमार मृधा द्वारा धन के बड़े गबन से संबंधित हैं।सुकुमार मृधा पश्चिम बंगाल के हलदर के एजेंट के तौर पर काम करता था। ईडी को शक है कि मृधा और हलदर के पास अन्य शहरों में कई संपत्तियां हैं। प्रशांत कुमार हलदर का अशोकनगर के नबापल्ली इलाके में एक घर मौजूद है। उसके पास बांग्लादेश और भारतीय पासपोर्ट के अलावा ग्रेनेडा पासपोर्ट भी पाया गया। तो वहीं ईडी ने अपनी जारी बयान में बताया कि प्रशांत, शिव शंकर हलदर (भारतीय पहचान) नाम का इस्तेमाल करता था और इंटरपोल ने उसके खिलाफ वैश्विक गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। |
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