बेटी की मौत- पांच दिन शव के साथ कमरे में कैद रहे परिवार के 11 सदस्य
प्रयागराज. अंधविश्वास, तंत्र-मंत्र, झाड़-फूंक और जादू-टोना पर अभी भी कुछ विश्वास रखते हैं। समय बदल गया है लेकिन उनके जीने का तौर-तरीका नहीं बदला है। ऐसे वर्ग के लोग डॉक्टर पर नहीं बल्कि तंत्र और मंत्र पर ज्यादा यकीन करते हैं। ऐसे ही एक मामला आया प्रयागराज यमुनापार के करछना थाना क्षेत्र के अंतर्गत का। जहां पर एक परिवार के लोगों ने अपनी ही बेटी का शव पांच दिनों तक कमरे में बंद रखा। कमरे का दरवाजा जब पुलिस ने खोला तो अंदर का मंजर देखकर कांप उठी। पांच दिन पुरानी शव को तंत्र-मंत्र और झाड़ फूंक से जिंदा करने की कोशिश की जा रही थी। लड़की की संदिग्ध हालात में हुई थी मौत करछना के एक डीहा गांव का मामला है जहां पर संदिग्ध परिस्थिति में मौत हुई लड़की को तंत्र-मंत्र और जादू टोना से जिंदा किया जा रहा था। जिसकी वजह से पांच दिनों तक बंद कमरे में लाश को छिपाए रखे गया। शव को उसे झाड़ फूंक और तंत्र मंत्र से जिंदा करने का प्रयास होता रहा। मंगलवार की शाम जब इसकी जानकारी ग्रामीणों के जरिए पुलिस तक पहुंची तो एक्शन लिया गया। इसकी हकीकत को पता लगाने के लिए पुलिस फोर्स घर पहुंची तो परिवार ने अंदर आने से रोका और शव को उठाने में भी बाधा डाली। पुलिस कमरे का हालात देख स्तब्ध रह गए। मानसिक रोगी की तरह है परिवार अगल-बगल के रहने वाले ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि यह परिवार पिछले कुछ दिनों से अजीब हरकतें करता रहा है। परिवार का हर सदस्य पिछले कई महीनों से मानसिक और साइको जैसे व्यवहार करता रहा है। परिवार में सबका झाड़ फूंक किया जाता रहा है। उसी परिवार की बेटी की मौत का रहस्य बना है। मौके पर कई अफसर पहुंचे और डाक्टरों की टीम बुलाकर परिवार का चेकअप कराया। रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल में भर्ती किया। |
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