पंचायत चुनाव की आड़ में सिंगोली में तस्करी का अंदेशा
सिंगोली Dinesh Joshi आगामी 1 तारीख को सम्पन्न होने वाले मतदान को लेकर जावद विकासखण्ड के अंतर्गत चुनाव लड़ रहे जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत प्रतिनिधि, ग्राम पंचायतों के सरपंच और पंच पद के उम्मीदवारों का मतदाताओं को अपने अपने पक्ष में करने के लिए गाँव-गाँव और वार्ड-वार्ड के गली मोहल्लों में धुँआधार प्रचार चल रहा है इसी बीच सिंगोली अँचल में तस्कर लॉबी के भी एकाएक सक्रिय होने की चर्चाएँ व्याप्त है जिससे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आड़ में तस्करी का अंदेशा जताया जा रहा है क्योंकि यह अफीम उत्पादक क्षैत्र होने के साथ साथ चारों तरफ से पड़ौसी प्रान्त राजस्थान की सीमाओं से घिरा हुआ है और क्षैत्र में मुख्य सड़क मार्गों के अलावा कई चोर रास्ते भी हैं जिनका इस्तेमाल तस्करी करने में किया जाता रहा है। सिंगोली अँचल में बड़ी मात्रा में अफीम का उत्पादन होता है जिसके चलते क्षैत्र में अफीम और डोडाचूरा की तस्करी भी होती रही है लेकिन ज्यादातर तस्करी करने वाले पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके कारण जो भी हों लेकिन विचारणीय इसलिए भी है क्योंकि कई बार तस्कर मध्यप्रदेश की सिंगोली की सीमा तो मादक पदार्थों के साथ सुरक्षित पार कर गए जबकि राजस्थान या अन्य जगहों की पुलिस के शिकंजे से नहीं बच पाए हैं।वर्तमान में चल रहे चुनाव प्रचार के माहौल में तस्करी करने वाले लोग भी मौके का फायदा उठाकर अफीम और डोडाचूरा को ठिकाने लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे जो पुलिस के लिए भी परीक्षा का विषय रहने वाला है वहीं चर्चाएँ ये भी हैं कि चुनाव में खपाने के लिए बल्क मात्रा में राजस्थान से शराब भी मंगवाई जा सकती है क्योंकि मध्यप्रदेश की तुलना में राजस्थान की शराब सस्ती दरों में उपलब्ध हो जाती है और यहाँ आसानी से लाया जा सकता है।वैसे भी आम दिनों में भी सिंगोली में राजस्थान के मेघनिवास और तम्बोलिया-बोराव से तो रोज मुख्य सड़क मार्गों से आ ही रही है ऐसे हालातों में कल्पना की जा सकती है कि मतदान से पहले इस अँचल में क्या क्या नहीं हो सकता है।इन परिस्थितियों में वर्तमान में पुलिस थाना सिंगोली में पदस्थ मौजूदा स्टॉफ क्या क्या करेगा क्योंकि पुलिस को चुनाव सम्पन्न कराने के अलावा कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ साथ अपराधियों और तस्करों से भी निबटना पड़ेगा जो पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। |
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