कृष्ण भगवान ने लिया अवतार और की बाल लिलाएं

 


भीलवाड़ा ।   स्थानीय आजाद चौक भीलवाडा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में मुख्य यजमान गोपाल व्यास ने अपनी पत्नी सहित भगवान एवं भागवत महापुराण का पूजन किया । कथा संयोजक पीयुष दाधीच ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा में व्यास पीठ से बोलते हुए राष्ट्रीय कथावाचिका दीपा दाधीच ने बताया कि सुखदेव जी महाराज ने राजा परीक्षित से कहा -’ ऐ परिक्षीत आज तुम्हें राजा बलि की कथा सुनाता हूॅ । राजा बलि से भगवान वामन अवतार ने 3 पग धरती मांगी, भगवान को राजा ने वचन दिया । भगवान ने एक पैर में आकाश, दूसरे पैर में पृथ्वी एवं तीसरे पैर को राजा बलि के सिर पर रखकर राजा बलि को पाताल लोक में पहुंचा दिया और राजा बलि की मोक्ष हुई।
             इसके पश्चात राम अवतार एवं फिर कृष्ण अवतार की कथा सुनाई - कंस ने अपनी बहन देवकी का विवाह वासुदेव से किया जब कंस देवकी को विदा कर रहे थे उस समय आकाशवाणी हुई- है कंस ! देवकी का आठवा पुत्र तेरा काल होगा। कंस ने वासुदेव और देवकी को कारागार में डाल दिया देवकी को जब भी पुत्र होता कंस उसे मार देता । इसी प्रकार कंस ने देवकी के  6 पुत्रो को मार दिया । भगवान की माया से 7वॉ बालक रोहणी के गर्भ  में पहुंचा दिया और भाद्रपथ कृष्पक्ष की अष्ठमी को भगवान श्री कृष्ण ने रात्रि 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया । वासुदेव भगवान श्रीकृष्ण भगवान को गोकुल ले गये वहां से जो रोहिणी के गर्भ से कन्या उत्पन्न हुयी उसे वासुदेव जी मथुरा लेकर के आये । जब कंस को पता चला कि देवकी के आठंवा पुत्र हो चुका है तो कंस दौडा दौडा कारागार पहुंचा और उस कन्या को देवकी के हाथ से छीना । जब कंस ने उस कन्या को मारना चाहा तो कन्या उसके हाथ से छूट गई और आकाशवाणी हुयी ’ रे कंस तेरे को मारने वाला गोकुल में पैदा हो चुका है ।  कंस ने भगवान को मारने के लिए सबसे पहले पूतना को भेजा ।
पूतना सुन्दर गोपी का वेश बनाकर गोकुल गई और कृष्ण को उठाकर जंगल में ले गई । भगवान को दूध पिलाने लगी । भगवान ने दूध के साथ साथ उसके प्राण भी पी लिये । पूतना स्वर्ग सिधार गई । इसी प्रकार कंस ने कई राक्षसो को भेजा । भगवान ने सभी को मार दिया । भगवान ग्वाल बालो के साथ गांये चराने लगे । एक दिन सभी ग्वालबाल खेल रहे थे , तो गेंद यमुना नदी में चली गई । भगवान ने कालिया नाग से युद्व किया व गेंद लेकर आये । भगवान ने देखा कि गोकुल में गोकुल वासी राजा इन्द्र की पूजा कर रहे है तो कृष्ण भगवान ने कहा कि आप गोवर्धन भगवान की पूजा करें । गोकुल वासियो ने ऐसा ही किया । इससे इन्द्र रूष्ट हो गये । और गोकुल में 7 दिनों तक मुस्लाधार वर्षा की । भगवान ने गोवर्घन पर्वत को अपनी तर्जनी उंगली पर उठाकर समस्त गोकुल वासियो की एवं गायो तथा समस्त जीव जन्तुओ की रक्षा की । उस समय भगवान की मॉ यशोदा ने भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाया । 

शहर विधायक विठ्ठलशंकर अवस्थी, समाजसेवी हेमनदास भोजवानी, हरीश मानवानी, राजकुमार गुरनानी, जितेन्द्र मोटवानी, मूलचन्द बहरवानी, गुलशन विधानी , तुलसी सखरानी, सन्नी हरचंदानी, अनूप चौधरी, पार्षद महेन्द्र गबरानी, सुरेश रोंगवानी, नगर परिषद पूर्व सभापति मंजू पोखरना, दाधीच महिला प्रकोष्ठ, पूर्व राष्ट्ीय अध्यक्ष सरोज दाधीच , आशा दाधीच, सूर्यप्रकाश दीप दाधीच , पंडित नारायण दाधीच, कोहिनूर सेवा समिति संयोजक  कवि रामनिवास रोनी, संरक्षक कैलाश बाहेती, अध्यक्ष रामचन्द्र मून्दडा, उपाध्यक्ष जी एल चन्देल, महासचिव दुर्गालाल सोनी, सह-सचिव चन्द्रप्रकाश सिसोदिया ने व्यास पीठ पर विराजमान व्यास जी महाराज से आशिर्वाद लिया और माला पहनाकर उपरना एवं पगडी पहनाकर व्यासपीठ पर विराजमान राष्ट्रीय कथावाचिका दीपा दाधीच का स्वागत किया । कथा में संचालन कवि रामनिवास रोनी और नारायण दाधीच ने संयुक्त रूप से किया ।

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