धमाके के साथ जमींदोज हुआ ट्विन टावर, मिट्टी में मिले बिल्डर के मंसूबे
नोएडा के सेक्टर-93ए में बने 103 मीटर ऊंचे ट्विन टावर नेस्तानाबूत हो गए हैं। महज 9-12 सेकेंड में कुतुब मीनार से भी ऊंची इमारतें स्वाहा हो गईं। इसके ध्वस्तीकरण के लिए करीब 9640 छेद में 3700 किलो विस्फोटक का प्रयोग किया गया था। मौके पर पुलिस से लेकर एनडीआरएफ, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड की टीमें मौजूद हैं। वहीं वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पानी के टैंकर मौजूद हैं जिनसे पानी का छिड़काव किया जा रहा है। एंटी स्मॉग गन भी लगाई गई हैं। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर वाहनों की आवाजाही बंद है। इसे करीब तीन बजे खोला जाएगा। यहां पढ़ें इससे जुड़े सभी अपडेट्स-
आसमान में दिखा धुएं का गुबारसालों चली कानूनी लड़ाई के बाद ट्विन टावर एक धमाके के साथ नेस्तानाबूत हो गए। एक टावर की ऊंचाई कुतुब मीनार से भी ज्यादा थी जो अब मलबे में तब्दील हो चुकी है। टावर के ढहते ही आसमान में धुएं का बड़ा सा गुबार दिखाई दिया। माना जा रहा है कि दो-तीन घंटे तक हवा में धूल का गुबार रहेगा। हेल्थ इमरजेंसी को लेकर तीन अस्पताल अलर्ट मोड में हैं।
ताश के पत्तों की तरह बिखर गया ट्विन टावरएक धमाका होते ही नोएडा के ट्विन टावर ताश के पत्तों की तरह बिखर गए। इसे गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटकों का उपयोग किया गया था।
बटन दबाते ही जमींदोज हो जाएगा ट्विन टावरचंद मिनटों बाद ट्विन टावर में ब्लास्ट होगा और यह इमारत ताश के पत्तों की तरह गिर जााएगी। ब्लास्ट से पहले सायरन बजना शुरू हो गया है। बटन दबाते ही 9-12 सेकंड के अंदर ट्विन टावर जमींदोज हो जाएंगे।
वाहनों के लिए बंद हुआ एक्सप्रेसवेनोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है। करीब 1 घंटे के लिए एक्सप्रेसवे को बंद किया गया है। इससे पहले 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान एक्सप्रेसवे को बंद किया गया था। नोएडा के सेक्टर 93 ए में स्थित ट्विन टावर्स अब इतिहास बन गए हैं। धमाके के साथ दोनों इमारतों को गिरा दिया गया है। इसके साथ ही भ्रष्टाचार के खिलाफ एक दशक तक चले लंबे संघर्ष में जीत का वह पल आ गया, जिसका सैकड़ों फ्लैट खरीदार लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। बटन दबाते हुए इमारत में लगाए गए विस्फोटकों में धमाका हुआ और टावर 'पानी के झरने' की तरह नीचे गिरे तो धूल का गुबार आसमान तक छा गया।
टावर्स को 15 सेकंड से भी कम समय में 'वाटरफॉल इम्प्लोजन' तकनीक से ढहा दिया गया। फिलहाल कहीं से किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। धूल का गुबार हटने के बाद ही आसपास की इमारतों की जांच होगी और यह देखा जाएगा कि क्या कहीं नुकसान भी हुआ है। इन इमारतों को पहले ही खाली करा लिया गया था। आसपास की सड़कें भी पूरी तरह बंद थीं और लॉकडाउन के बाद पहली बार इस तरह का सन्नाटा इलाके में देखा गया। नोएडा एक्सप्रेस-वे पर भी यातायात रोक दिया गया था।
बड़ी चुनौती बाकी |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें