घर - घर पूजे गए गोगाजी महाराज

 


 सवाईपुर  सांवर वैष्णव .

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दूसरे दिन आज नवमी को गोगा नवमी के रूप में मनाया जाता है | इस दिन घर - घर में गोगा जी महाराज की पूजा अर्चना की जाती है | जहां कुम्हार काली मिट्टी से गोगा जी की प्रतिमा बनाकर घर - घर जाते हैं, जहां ग्रामीण रक्षाबंधन वाली राखी गोगा जी महाराज को भेंट कर पूजा - अर्चना करते हैं । गुरुगोरखनाथ के परमशिष्य थे गोगा जी महाराज, गोगा जी का जन्म विक्रम संवत 1003 में राजस्थान के चुरू जिले के ददरेवा गाँव में हुआ था | सिद्ध वीर गोगादेव के जन्मस्थान राजस्थान के चुरू जिले के दत्तखेड़ा ददरेवा में स्थित है | जहाँ पर सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोग मत्था टेकने के लिए दूर - दूर से आते हैं | लोकमान्यता व लोककथाओं के अनुसार गोगाजी को साँपों के देवता के रूप में भी पूजा जाता है | लोग उन्हें गोगाजी , गुग्गा वीर , जाहिर वीर , राजा मण्डलिक व जाहर पीर के नामों से पुकारते हैं | यह गुरु गोरक्षनाथ के प्रमुख शिष्यों में से एक थे | राजस्थान के छह सिद्धों में गोगाजी को समय की दृष्टि से प्रथम माना गया है |‌ सवाईपुर कस्बे सहित सोपुरा, सालरिया, ढे़लाणा, बड़ला, बनकाखेड़ा, चावंडिया, लसाडिया, ककरोलिया माफी, रेड़वास, कुड़ी, बोर्डियास, खजीना, खरेड़ आदि कई गांवों में आज आज गोगा नवमी का पर्व मनाया गया ||

 

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