मुफ्त रेवड़ियों का मुद्दा महत्वपूर्ण, बहस हो; मामले पर राजनीतिक दल हैं खामोश

 


नई दिल्ली : मुफ्त रेवड़ियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक बार बार-बार चिंता जता रहे हैं लेकिन ज्यादातर राजनीतिक दल शीर्ष अदालत में रेवड़ियों के मुद्दे पर सुनवाई का विरोध कर रहे हैं या फिर चुप्पी साधे बैठे हैं। हालांकि, कोर्ट ने राजनीतिक दलों से सुझाव नहीं मांगे हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी, द्रमुक और वाइएसआर कांग्रेस पार्टी ने तो अर्जी दाखिल कर कोर्ट के इस मामले में सुनवाई करने का विरोध किया है। परंतु, कांग्रेस, भाजपा समेत दूसरे दलों की ओर से कोई सक्रियता नहीं दिखाई गई है। इस बात को महसूस करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को टिप्पणी की कि सभी दल रेवड़ियां चाहते हैं।

शीर्ष अदालत ने कहा कि इस बात से कोई इन्कार नहीं कर सकता कि ये एक गंभीर मुद्दा है और इस पर चर्चा होनी चाहिए। संसद में इस पर बहस होनी चाहिए। इसी सोच के साथ कोर्ट ने मामले में विशेषज्ञ समिति गठित करने की बात की थी और सुझाव मंगाए थे। मामले में सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को भी सुनवाई होगी। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से उनके द्वारा दाखिल किए गए सुझावों के बाबत पूछा। सिब्बल इस मामले में पक्षकार नहीं हैं लेकिन कोर्ट ने एक सांसद और पूर्व मंत्री होने के नाते उनके अनुभवों को देखते हुए उनसे इस पर सुझाव देने को कहा था।

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