राजस्थान कहीं राष्ट्रपति शासन की ओर तो नहीं बढ़ रहा ?, जानें क्यों उठ रहे ये सवाल
राजस्थान में सियासी संकट के बीच सभी की निगाहें राजभवन पर हैं। बीजेपी ने वेट एंड वॉच की रणनीति अपनाई है। बीजेपी के नेता स्पीकर सीपी जोशी के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद वो राजभवन का दरवाजा खटखटा सकते हैं।राजस्थान बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया एक कार्यक्रम में शामिल होने दिल्ली रवाना हो गए हैं। हालांकि, संभावना है कि राजस्थान की राजनीति पर वरिष्ठ नेताओं से चर्चा हो सकती है। इस बीच विधानसभा में विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा, जब सरकार के 90 फीसदी विधायक और मंत्री पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं तो मुख्यमंत्री को आपात बैठक बुलाकर विधानसभा भंग करने की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी पूरे हालात पर नजर बनाए हुए हैं।सोमवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और विपक्ष के उपनेता, दोनों ने इस बात पर जोर दिया कि स्पीकर को पार्टी विधायकों द्वारा दिए गए इस्तीफे स्वीकार करने चाहिए। सतीश पूनिया ने कहा, कांग्रेस विधायकों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को इसे स्वीकार करना चाहिए। कांग्रेस में कलह का खामियाजा प्रदेश की जनता क्यों भुगते। |
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