प्रकृति के अंधाधुंध शोषण से मानव मात्र के अस्तित्व का संकट खड़ा होगा -सुरेंद्र पाल
भीलवाड़ा । दो लाख साल की मानव यात्रा में इस धरती पर सिर्फ 50 साल में विकास के जीडीपी के नाम पर हुए प्रकृति के अंधाधुन शोषण से आदमी के अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया है जैसे-जैसे पढ़ाई बढ़ रही है वैसे वैसे आदमी में तनाव और डिप्रेशन परिवार में क्लेश समाज में शोषण ,प्रकृति में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है । पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को जिंदगी की समझ देना बहुत जरूरी है। परिवार में समस्या सामान की कमी से नहीं संबंध की कमी से है, कार के नियम समझने से कार चलाने के प्रति विश्वास आता है जिंदगी के नियम समझने से सुख समृद्धि के साथ जीने के प्रति विश्वास बढ़ाया जा सकता है । यह बात रोडवेज बस स्टैंड स्थित महेश छात्रावास में सात दिवसीय जीवन विद्या के शोधकर्ता एवं मुख्य वक्ता सुरेंद्र पाल ने कही। आईआईटी एमटेक मुंबई ने पत्रकार वार्ता में कही मीडिया प्रभारी महावीर समदानी ने बताया कि पत्रकार वार्ता में महेश सेवा समिति के सचिव राजेंद्र कचोलिया,ट्रस्टी दिलीप तोषनीवाल ,ओम प्रकाश मालु, सुनील आगीवाल उपस्थित थे । श्रीनगर माहेश्वरी सभा, श्री जिला माहेश्वरी सभा, श्रीनगर माहेश्वरी महिला संस्थान, श्री महेश सेवा समिति के संयुक्त तत्वाधान में निशुल्क खुशहाल समृद परिवार कार्यशाला 24 से 30 सितंबर तक आयोजित की जा रही है । उन्होंने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि हर आदमी बड़ा आदमी बनने की कोशिश में है लेकिन यह भूल गया कि पहले आदमी बनना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज की बच्चों की पढ़ाई संबंधों में तरक्की पूर्वक जीने पर मौन है इसलिए ज्यादा पढ़ाई करने वाले ज्यादा पैसा कमाने वाले ज्यादा पूजा ध्यान करने वाले के घर में भी अशांति है। आयोजन में जयपुर जोधपुर अजमेर राजसमंद चित्तौड़ एवं इंदौर के सैकड़ों प्रवासी प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया ,आगामी 30 सितंबर तक दो शिफ्टो में चलने वाली कार्यशाला प्रातः कालीन 9 से 1 व सायकालीन 3:से 6:30 तक आयोजित होगी। |
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