आलाकमान की सख्ती को देखकर मंत्री और विधायकों ने बदला रुख

 


जयपुर,  कांग्रेस का सियासी संकट अभी जारी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे के प्रति पार्टी आलाकमान की नाराजगी को देखते हुए कई विधायकों ने पिछले 24 घंटे में अपना रुख बदला है।विधायकों ने कहा कि आलाकमान सर्वोपरी है,वे दिल्ली का आदेश मानेंगे। कुछ विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को भेजे गए इस्तीफों के बारे में कहा कि उन पर दबाव बनाकर हस्ताक्षर करवाए गए। सभी विधायकों ने एक ही कागज पर हस्ताक्षर करवाए गए। मुख्य सचेतक महेश जोशी ने उन्हे फोन कर के कहा कि संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के आवास पर एकत्रित होकर एक साथ विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए जाएंगे। लेकिन धारीवाल के आवास पर पहुंचने के बाद उन पर दबाव बनाकर एक कागज पर हस्ताक्षर करवाए गए,जिसमें इस्तीफे की बात कही गई थी। धारीवाल के आवास से बस में विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सी.पी.जोशी के निवास पर ले गए।

इन मंत्री और विधायकों ने बदला रूख

गहलोत के विश्वस्त रहे होमगार्ड राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने मंगलवार को कहा कि दो-चार लोगों ने विधायकों को बंदी बनाकर नौटंकी की थी।पर्यवेक्षक अजय माकन और मिल्लिकार्जुन खड़गे जब एक-एक कर के मिलना चाह रहे ।आलाकमान के निर्देश की अवहेलना हुई है,घोर अनुशासनहीनता हुई है। उन्होंने सीएम पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि इतनी बड़ी घटना गहलोत की मर्जी के बिना नहीं हो सकते हैं। परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला ने कहा, पर्यवेक्षकों की बात नहीं मानने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

 

विधायक संदीप यादव और वाजिब अली ने कहा कि घटनाक्रम दुर्भाग्यपूर्ण है। आलाकमान का निर्णय स्वीकार करना चाहिए। इंदिरा मीणा ने कहा कि मुझ पर दबाव डालकर जोशी ने विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर बुलाया और एक कागज पर हस्ताक्षर करवाए गए थे,मुझे पता नहीं इसमें क्या लिखा था। दिव्या मदेरणा ने जोशी को गद्दार बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

गंगादेवी ने कहा कि मैने इस्तीफा नहीं दिया, दबाव बनाकर धारीवाल के आवास पर बुलाया गया।सीएम के सलाहकार और वरिष्ठ विधायक जितेंद्र सिंह ने कहा,मैं आलाकमान के फैसले के साथ हूं,जो त्यागपत्र इन लोगों ने तैयार किए हैं उनसे मैं सहमत नही हूं। निर्दलीय विधायक खुशबीर सिंह ने कहा कि मैं शतप्रतिशत आलाकमान के साथ हूं। चाहे पद पर रहूं या नहीं रहूं,लेकिन आलाकमान जो कहेगा वह मानेंगे। सुरेश टांक और गोपाल मीणा ने आलाकमान में विश्वास जताया है। उल्लेखनीय है कि ये सभी विधायक गहलोत खेमें के माने जाते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास ने कहा,आलाकमान की बात माननी चाहिए।

 

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