रामजन्म से अयोध्या में छाई खुशियां, रामलीला मैदान में गूंजा जय श्री राम का उद्घोष
भीलवाड़ा (हलचल)। दशरथ द्वारा सरयू तट पर श्रवण का मरण, श्रवण के माता-पिता द्वारा दशरथ को श्राप देना, दशरथ द्वारा पुत्र श्री यज्ञ, कौशल्या को चतुर्भुज दर्शन, भगवान श्रीराम का जन्म, अयोध्या नगरी में खुशी का माहौल, दशरथ के चारों पुत्रों की गुरु वशिष्ट के यहां शिक्षा, विश्वामित्र द्वारा दशरथ से राम लक्ष्मण को मांग कर ले जाना।इन सब प्रसंगों का संजीव मंचन बुधवार को श्री रामलीला कमेटी की ओर से शारदीय नवरात्रा में आयोजित मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित रामलीला मंचन के तीसरे दिन स्थानीय कलाकारों द्वारा बेहतरीन ढंग से किया गया। मंचन के दौरान दर्शक समुदाय ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों की होंसला अफजाई की। मंचन रामदरबार की महाआरती से शुरू हुआ। कमेटी के सचिव लादूलाल भांड ने बताया कि मंचन के तीसरे दिन बतौर अतिथि पूर्व सभापति मंजू पोखरना मुकेश नराणीवाल, अशोक भोजवानी, दिनेश सोनी आदि ने आरती की। कमेटी के अध्यक्ष पण्डित गोविंद व्यास ने बताया कि मुख्य निर्देशक सुरेश फतेहपुरिया के निर्देशन में दशरथ का किरदार रामगोपाल सोनी, सूरसेन मनोज सेन, नागरिक मंगल पाराशर, रवि कच्छावा, श्रवण गंगाराम, शान्तनु भैरूलाल, ज्ञानवती सुशीला जोशी, वशिष्ठ घनश्याम छिपा, विश्वामित्र भैरूलाल सेन, केकयी माया सालवी, सुमित्रा अलका त्रिपाठी, अत्रि दिनेश शर्मा, अग्निदेव मंगल पाराशर, चतुर्भुज दीपक सोनी, बाल राजकुमार रामबाबू, गौरव चौधरी, अमन पाराशर और शिष्य का किरदार शुभम, मनोज, रवि कच्छावा ने निभाया। उक्त सभी कलाकारों ने उत्कृष्ट मंचन किया। मंचन प्रतिदिन शाम 8:30 से 11 बजे तक होगा। गुरुवार को रामलीला मंचन का विशेष आकर्षण रावण बाणासुर संवाद ताड़का वध, खरदूषण द्वारा त्रिशरा वध, पुष्प वाटिका में राम सीता मिलन आदि रहेंगे।
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