भीलवाड़ा में महिलाओं की बिक्री के नेटवर्क को तोड़ने की मांग सांसद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की, पंडेर में पुलिस ने मारा छापा 7 लोगो से पूछताछ, कलेक्टर से मांगी रिपोर्ट
भीलवाड़ा ( विजय गढवाल-हलचल)।जिले में कथित रूप से स्टाम्प पेपर के जरिए लड़कियों की नीलामी का मामला गंभीर होता जा रहा है भीलवाड़ा के सांसद सुभाष बहैड़िया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर इस नेटवर्क को तोड़ने के साथ ही दोषियों को सजा दिलवाने की मांग की है इस बीच शुक्रवार को पुलिस ने भी कार्रवाई करते कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। अब राज्य महिला आयोग ने खबरों पर एक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में आठ साल से कम उम्र की लड़कियों को स्टाम्प पेपर पर औपचारिक समझौतों के बाद बेचा गया और महिलाओं के साथ विवाद को निपटाने के लिए ग्राम जाति परिषदों के फरमान पर बलात्कार किया गया है। भीलवाड़ा जिले में महिलाओं की बिक्री का मामला पूरे देश के अखबार में चर्चा का विषय बनने के बाद राजस्थान सरकार को नोटिस थमाया गया है वही भीलवाड़ा के भाजपा सांसद सुभाष बहैड़िया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने महिलाओं को बेचने के मामले में गंभीरता से कार्रवाई करने और इसके नेटवर्क को तोड़ने की मांग की गई है। उन्होंने इस मामले को महिलाओं पर अत्याचारों की चरम सीमा बताया और विश्वास व्यक्त किया कि और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस मामले को गंभीरता से लेकर तत्काल कार्रवाई करेंगे पुलिस ने भी मारे छापे पंडेर पुलिस ने आज इस मामले में 7 लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की है और यह पता लगाया जाने का प्रयास कर रही है की स्टॉप पर महिलाओं को कौन बेच रहा है और अब तक कितनी महिलाएं बेची जा चुकी है पुलिस यह रणनीति भी बना रही है कि बेची गई महिलाओं को मुक्त कराया जाए। महिला आयोग की टीम पहलेआएगी भीलवाड़ा ,अध्यक्ष एक को मिलेगी कलेक्टर से राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि इस कथित घटनाक्रम की जांच के लिए एक टीम भीलवाड़ा भेजी जा रही है. लोन के भुगतान के एवज में वहां लड़कियों की स्टाम्प पेपर पर नीलामी की गई. शर्मा ने कहा कि पिछले कुछ सालों से इस तरह की खबरें आ रही हैं. लेकिन, सरकार ने इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. जानकारी के मुताबिक, आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा राजस्थान के प्रमुख सचिव और भीलवाड़ा के एसपी से 1 नवंबर को मुलाकात करेंगी. फिलहाल इस मसले की जांच के लिए आयोग ने दो-सदस्यीय टीम का गठन किया है. आयोग ने कहा कि इस बात की खबरें आ रही हैं कि गांव में कई तरह के विवाद सुलझाने के लिए लड़कियों को स्टाम्प पेपर पर वैश्यावृत्ति के लिए बेचा जाता है मामला पुराना भीलवाड़ा प्रशासन का दावा उधर ,मीडिया में प्रकाशित हुई खबरों के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को राज्य सरकार को नोटिस जारी करने के लिए प्रेरित किया। भीलवाड़ा जिला प्रशासन का दावा है कि रिपोर्ट किया गया मामला पुराना था और करीब दो दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए भीलवाड़ा के जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा, 'एसपी द्वारा एक तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी जा रही है। यह 2019 का पुराना मुद्दा है, जहां करीब दो दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। राजस्थान सरकार को थमाया नोटिस
एनएचआरसी आयोग ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने राजस्थान सरकार को उस रिपोर्ट पर नोटिस थमाया है जिसमें दावा किया गया है कि 8-18 साल की बच्चियों को स्टांप पेपर पर बेचा जा रहा है। अगर ऐसा नहीं हो पाया तो जातीय पंचायत के हुक्म पर बेटियों की मां के साथ दुष्कर्म किया जा रहा है। इस नोटिस में एनएचआरसी की तरफ से कहा गया है कि इस मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि कर्ज नहीं चुका पाने की वजह से राजस्थान के आधा दर्जन जिलों में लड़कियों की खरीद-बिक्री की जा रही है। इन लड़कियों को यूपी, एमपी, मुंबई दिल्ली के अलावा विदेश भेजा जा रहा है, जहां इनके साथ यौन प्रताड़ना हो रहा है। एनएचआरसी ने इस मीडिया रिपोर्ट को लेकर कहा है कि अगर यह रिपोर्ट सही है तो यह मानवाधिकार का उल्लंघन है। जिसकी वजह से राजस्थान के मुख्य सचिव को नोटिस भेजा गया है और उनसे विस्तृत रिपोर्ट की मांग की गई है। यह भी पूछा गया है कि इस मामले में क्या ऐक्शन लिया गया है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राजस्थान में आठ साल से कम उम्र की लड़कियों को स्टाम्प पेपर पर औपचारिक समझौतों के बाद बेचा गया है और महिलाओं के साथ विवाद सुलझाने के लिए ग्राम जाति परिषदों के फरमान पर बलात्कार किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि भीलवाड़ा जैसे स्थानों पर लोग पुलिस के पास जाने के बजाय अपने विवादों को निपटाने के लिए जाति पंचो से संपर्क करते हैं। इसमें कहा गया है कि अक्सर लड़कियों को बेच दिया जाता है या उनकी माताओं के बलात्कार का आदेश दिया जाता है। इसमें कहा गया है कि एक जाति पंचायत ने एक व्यक्ति को पहले अपनी बहन को बेचने के लिए मजबूर किया और फिर उसकी 12 वर्षीय बेटी को 15 लाख रुपये का कर्ज चुकाने के लिए मजबूर किया।
महिला आयोग में भीलवाड़ा जिला प्रशासन से मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट राजस्थान राज्य महिला आयोग ने भीलवाड़ा जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से ‘‘लड़कियों की नीलामी’’ मामले को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। मीडिया में आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्टांप पेपर पर लड़कियों की नीलामी की जा रही है और जाति पंचायतों के फरमान पर महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी बृहस्पतिवार को इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था। राज्य महिला आयोग ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए भीलवाड़ा के जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर मामले में सात दिनों के भीतर तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने कहा कि उन्हें मीडिया रिपोर्ट के जरिए पता चला है कि कथित तौर पर लड़कियों को बेचा जा रहा है और इसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। इस तरह की कोई घटना नहीं हुई- मंत्री खाचरियावास भाजपा ने गहलोत सरकार को घेरा भारतीय जनता पार्टी ने गहलोत सरकार को घेरा है। भाजपा नेता राज्यवर्द्धन राठौड़ ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कितना दुर्भाग्यपूर्ण, जिस राजस्थान की पहचान महिला सम्मान से होती है, आज वहां बहन और बेटियों की अस्मत की बोली लग रही है। दरिंदे बेखौफ दुष्कर्म जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। ये अत्याचार रोकने का काम राज्य सरकार का है, लेकिन वह विफल है। ऐसे कांग्रेसी कुशासन को परिणाम भोगना होगा।
गहलोत बोले-हम किसी को नहीं बख्शेंगे कथित तौर पर लड़कियों की नीलामी पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने दाहोद में कहा कि मीडिया में खबर आई है, हमने टीम लगा दी है। वास्तव में क्या स्थिति है, ये पता लगाया जा रहा है। अगर कोई घटना हुई है तो हम किसी को नहीं बख्शेंगे। |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें