| भीलवाड़ा बीएचएन। सिंगापुर व मलेशिया में नौकरी का सपना दिखाकर भीलवाड़ा, राजसमंद सहित कई जिलों व प्रदेशों के बेरोजगार नौजवानों से लाखों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। ठगी के शिकार युवकों में से दो ने राजसमंद जिले के भीम पुलिस स्टेशन में इस ठगी की शिकायत दी है। पुलिस ने दो ठगों पर एफआईआर दर्ज क र जांच शुुरु कर दी। पुलिस के अनुसार, पाटिया, भीम निवासी राकेश आर्य पुत्र बलवीर आर्य, मीठा पीपल माथूवाड़ा, टाटगढ़, अजमेर निवासी मुकेश पुत्र लक्ष्मी गोपाल सालवी ने भीम पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवाई है। इन पीडि़तों ने यूपी, उत्तराखंड हाल चेन्नई निवासी साहिर खान ताजवर 46 व जानू अली निवासी चेन्नई को आरोपित बनाया है। शिकायतकर्ताओं ने एफआईआर में बताया कि वे, बेरोजगार होने से काम धंधे की तलाश में थे। करीब 5 माह पहले साहिर खान का परिवादी मुकेश के पास फोन आया। आरोपित ने खुद को दुसान कंपनी में इंजीनियर बताया और कहा कि वह कई लोगों को विदेश में नौकरी लगवा चुका है। उसने परिवादी से कहा कि मलेशिया व सिंगापुर में अच्छी नौकरी है। 60-70 हजार रुपये मासिक सैलरी का भरोसा दिलाया 60-70 हजार रुपये मासिक सैलरी दिलवा सकता हूं। उसने प्रति व्यक्ति ढाई लाख रुपये का खर्चा बताया। जिसमें पासपोर्ट, विजा, एयर टिकिट व विदेश में कंपनी में काम दिलाने तक का कार्य का आश्वासन दिया। इस पर मुकेश ने साथी राकेश को इस बारे में बताया। दो-तीन दिन बाद पुन: आरोपित का फोन आया, लेकिन पैसों का इंतजाम नहीं होने से उन्होंने इनकार कर दिया। इस पर आरोपित ने कहा कि 20-25 लोग तैयार कर लो उनके खर्च में तुम्हें भी विदेश भेज देंगे। परिवादियों ने इनको किया तैयार, तो ये हुये ठगी के शिकार इस पर परिवादियों ने सुरेंद्र कुमार मेघवाल चूना का भट्टा, सत्यप्रकाश सिंह रावत माथूवाड़ा, नरेंद्र सिंह रावत टाडगढ़ मुकेश भांड भीम, कैलाश मेघवाल विजयपुरा मालकोट, हीरालाल मेघवाल बस स्टैंड भीम, सुनील कुमार सालवी पीपला भीलवाड़ा, आनोर सिंह रावत जोधगढ़ शिवपुर, डाऊराम दोकुड़ी, श्रवण सिंह रावत नेगडिय़ा, गजेंद्र सालवी आसन भालिया, रमेश सालवी कालब रायपुर, अर्जुर सिंह उतराखंड, प्रवीण कुमार धोरेला, नरेंद्र सिंह ब्यावर, श्रवण कुमार आजमगढ़ यूपी, जावेद चौहान चांद बासनी, चंद्रप्रकाश डीडवाना, अरविंद टांक डीडवाना, भानू प्रकाश सूपका, मुकेश खालिया सूपका, गोविंदराम जाट सूपका, हरलाल सूपका, यूनुस खान सूपका, दौलाराम सूपका, सहीराम खुनखुना व भगवाना राम डीडवाना ने आरोपित क्षरा बताये गये खर्च पर विदेश जाकर नौकरी करने के लिए अपनी सहमति जताई। इसकी जानकारी आरोपितों को देने पर उसने वाट्सएप्प पर दस्तावेज और रेजर पे एवं र्ठ केप से क्यूआर कोड के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान करने के लिए कहा। आरोपित जानू अली का विजिटिंग कार्ड भेजा जिसमें टय़ूर एंड टै्रवल्स के कारोबार एवं उसका पता दर्शाया हुआ था। खाते में डलवाये 22 लाख 52 हजार, 17लाख 60 हजार दिये नकद इसके बाद आरोपित साहिर अली के बताये अनुसार आरोपित जानू अली के खाते में अलग-अलग तारीख पर 22 लाख 52 हजार 906 रुपये भेजे। कुछ दिन बाद आरोपित ने फोन कर सभी के विजा और पास्पोर्ट तैयार होने की बात की। उसने 29 अक्टूबर से 9 नवंबर तक मलेशिया व सिंगापुर भेजने के लिए एयर टिकिट तैयार करवाने की जानकारी भी दी। साथ ही सभी लोगों को 25 अक्टूबर तक चेन्नई लेकर आने के लिए भी परिवादी से कहा। इसके बाद 25 अक्टूबर तक जयपुर से फ्लाइट के जरिये चेन्नई पहुंच गये। जहां आरोपित ने उन्हें होटल में ठहराया और साथियों का मेडिकल करवाया। चार नवंबर की फ्लाईट से विदेश भेजेन की बात कही। इस पर आरोपित ने बकाया राशि की मांग की तो परिवादियों ने साथियों से एकत्रित की गई राशि 17 लाख 60 हजार रुपये नकद दे दिये। आरोपित से जब परिवादी ने संपर्क किया तो उसने कहा कि आज की फ्लाईट कैंसिल हो गई है। अब 9 नवंबर को ही विदेश भेज पायेंगे। तब तक होटल में रहने के लिए कहा। एयरपोर्ट पहुंचे तो पता चला सिक्यूरिटी बांड नहीं है 9 नवंबर को आरोपित ने सभी के विजा टिकिटआदि दस्तावेज दिये और कहा कि दो बजे की फ्लाइट है, ऐेसे में एयरपोर्ट आ जाना। वहां जाने पर पता चला कि दस्तावेजों में सिक्यूरिटी बॉंड नही है। इस लिए तुम विदेश नहीं जा सकते हैं। यह कहते हुये उन्हें फ्लाईट में बैठने से रोक दिया। इसके बाद आरोपित से संपर्क किया तो उसने 3 दिन में सिक्यूरिटी बॉंड तैयार करवाने का भरोसा दिलाया। चार दिन बाद उसने बताया कि आज रात 2 बजे की फ्लाईट है, तुम शाम 6 बजे तक एयरपोर्ट आजाना। उसने कहा कि वह खुद भी वहीं मिलेगा। युवक वहां पहुंचे, लेकिन आरोपित नहीं मिला। बाद में दस्तावेज अधूरे होने और सात-आठ दिन और लगने की बात कही। इसके बाद उसने फोन नहीं उठाया। उधर, परिवादियों को उनके साथियों ने परेशान करना शुरु कर दिया। किराया व खाने पीने के रुपये भी नहीं बचे तो पिता से मंगवाये दो लाख, ट्रेन से लौटे होटल किराया, खाने पीने के रुपये भी इनके पास नहीं बचे। ऐसे में एक परिवादी ने पिता को फोन कर दो लाख रुपये मंगवाये, तब जाकर होटल किराया देकर वे 19 नवंबर को ट्रेन से ब्यावर पहुंचे। ब्यावर में साथियों के परिजन मिले, जिन्होंने परिवादियों को भला-बुरा कहा कि और हाथापाई करने पर आमादा हो गये। सभी लोग उनसे राशि की मांग कर रहे हैं। दोनों अपनी जान बचाकर घर से दूर जाकर जंगल में छिप गये। ठगी का शिकार युवक व उनके परिजन परिवादियों के घर के चक्कर लगा रहे हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी। | |
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