चर्चा : उदयपुर रेलवे ट्रैक ब्लास्ट में गिरफ्तारी मामलें में नजर आ रहे पेंचपें , मिसिंग डॉट्स कर रहे सवाल
उदयपुर : उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक ब्लास्ट मामले में पुलिस और राजस्थान ATS टीम ने मुख्य आरोपी सहित तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है। इसमें विस्फोटक बेचने वाला भी शामिल है। पुलिस सूत्रों के अनुसार तीन आरोपियों ने उदयपुर में ओढा रेल्वे पुल को ब्लास्ट की घटना को अंजाम दिया था। रेलवे प्रशासन से मुआवजे की बात को लेकर मुख्य आरोपी नाराज चल रहे थे। इनसे पूछताछ में कई और अहम जानकारियां सामने आने वाली हैं। सोशल मीडिया में पुलिस द्वारा बताई जा रही कहानी और तथ्यों में मिसिंग लिंक सामने आने की बातें ट्रेंडट्रें कर रही हैं। कहा जा रहा है कि जिस तरीके से पुलिस ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर जमीन अधिग्रहण के मामले में मुआवजा कम मिलने से आरोपियों में रोष था और सिस्टम का ध्या न आकर्षित करने के लिए उन्होंने न्हों घटना को अंजाम दिया है, ये कहानी कई लोगों के गले आसानी से नहीं उतर रही है। लोग कहानी में मिसिंग डॉट्स लिंक होने का अंदर अंदेशा जता रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस ने आनन-फानन में मामले को निपटाने के लिए आरोपियों को गिरफ्तार किया है क्योंकिक्यों अभी तक पुलिस मास्टरमाइंड फूलचंद मीणा को बता रही है। इस पर ध्यान देने वाली बात यह है कि क्या फूलचंद मी णा नाम का व्यक्ति आपराधिक प्रवृत्ति का था या इससे पहले उसने कभी किसी अपराध को अंजाम दिया था अथवा नहीं?हीं इसके साथ ही आदिवा सी समुदाय में आपराधिक प्रवत्ति के लोग आमतौर पर लूटपाट का काम करते आये हैं लेकिन ट्रैक उड़ाने जैसी गतिविधियों में मेवाड़ के आदिवासियों का नाम आज तक किसी घटना में शामिल नहीं रहा है और इंटरनेट के युग में जहाँ हर व्यक्ति के पास मोबाइल है, उसे कम से कम इस बात की जानकारी अवश्य रहती है कि यदि ट्रैक को उड़ाया जाएगा तो ऐसे मामले में पुलिस उनका पीछा नहीं छोड़ेगी और जीवन भर उन्हें सलाखों के पीछे रहना होगा। यदि पुलिस की थ्योरी सही भी माने तो ऐसा लगता है कि मास्टरमाइंड फूलचंद मीणा ना होकर कोई और है। जिसने फील्ड में पहले यह पता किया कि किन लोगों को घटनाक्रम के लिए तैयार किया जा सकता है और भावनाओं का इस्तेमाल कर ट्रैक उड़ाने जैसी घटना को अंजाम दिया हो। साथ ही पुलिस ने कहा है कि अपराधियों ने डूंगरपुर में मिले विस्फोटक के कनेक्शन होने बाबत इंकार कर दिया है। इसी क्रम में डूँगरपुर में पुल के नीचे विस्फोटक मिलने के मामलें में राजस्थान पुलिस ने आरोपी राजेंद्रजें जवर को हिरासत में लिया है।आरोपी ने पकड़े जाने के डर से पकड़े जाने के डर से विस्फोटक नदी में फेका था। ATS-SOG एडीजी अशोक राठौड़ ने गुरुवार शाम को जयपुर में कहा कि ब्लास्ट मामले में धूलचंद मीणा (32), प्रकाश मीणा (18) और एक 17 साल के अन्य नाबालिग लड़के को पकड़ा गया है। तीनों आरोपी उदयपुर के जावर माइंस के एकलिंगपुरा क्षेत्र के निवासी हैं। इसके साथ ही विस्फोटक बेचने वाले अंकुश सुहालका नाम के व्यापारी को भी हिरासत में लिया गया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनका उद्देश्य जनहानि का नहीं था। इसके साथ ही डूंगरपुर के आसपुर इलाकें में मिले विस्फोटक वाली घटना से उनका कोई कनेक्शन नहीं है। पुलिस की थ्योरी के अनुसार आरोपियों ने ट्रेन निकल जाने के बाद उदयपुर अहमदाबाद रेलवे ट्रैक के ओवर ब्रिज पर विस्फोटक लगाया था । इससे प्रतीत होता है कि उनकी मंशा जनहानि की नहीं थी। आरोपी मोटरसाइकिल लेकर घटनास्थल तक पहुंचे थे। घटना के बाद तीनों आरो पी भागकर उदयपुर के सवीना इलाके में छुप गए थे और उन्होंने न्हों अपना मोबाइल भी बंद कर लिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उदयपुर अहमदाबाद रेलवे ट्रैक में आरोपियों की तीनों आरोपियों की जमीन अवाप्ति गई थी और उसका आरोपियों को उचित मुआवजा नहीं मिला था। इससे नाराज होकर उन्होंने न्हों सरकारी सिस्टम का ध्यान आकर्षित करने के लिए रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट करने की साजिश रची थी। |
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