लोक कल्याण के काम नहीं कर गहलोत सरकार को बदनाम करने की साजिश का अधिकारियों पर जनसुनवाई में लगा आरोप

 

भीलवाड़ा (हलचल)। नगर परिषद और नगर विकास न्यास के अधिकारी और कर्मचारी जन कल्याण और आम लोगों के काम नहीं करके कांग्रेस सरकार को बदनाम करने की साजिश रच रहे है। इन दोनों संस्थाओं में आम लोगों के कोई काम आसानी से नहीं हो पा रहे है और वहां दलालों का बोलबाला है। 
गुरूवार को जिला कलक्टर सभागार में संभागीय आयुक्त डी.एल.मेहरा के सामने जन सुनवाई के दौरान ये गंभीर आरोप किसी आम आदमी नहीं बल्कि कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष दुर्गेश शर्मा ने लगाये है। शर्मा का कहना था कि नगर परिषद और यूआईटी में तो जन कल्याण के कोई काम नहीं किये जा रहे है। लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए उन्हें चक्कर लगवाये जा रहे है। उन्होंने यहां तक कहा कि अशोक गहलोत को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है और अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे खुद के हित साधने में लगे हुए है। 
उन्होंने नगर परिषद आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वे कोई काम करना ही नहीं चाहते है। उन्होंने इस बात पर भी आक्रोश जताया कि जन सुनवाई जैसी महत्वपूर्ण बैठक को छोड़कर आयुक्त दूसरी जगह चली गई है। अगर वह होती तो इस संबंध में उससे सवाल के जवाब मांग सकते थे। 
यह जन सुनवाई नहीं है :
दुर्गेश शर्मा ने कहा कि जन सुनवाई के नाम पर खानापूर्ति की जाती है, यहां कोई काम नहीं होता है। नगर परिषद की अधिकारी यहां होती तो उन्हें भी पता लगता कि शहर के क्या हालात है। शर्मा ने शहर के कांग्रेस कार्यालय, आनंद धाम और श्री गेस्ट हाउस के पास अतिक्रमण का मुद्दा भी उठाया। पुर रोड पर सर्विस लेन पर हो रहे अतिक्रमण को भी उन्होंने अगली बैठक में उठाने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि इन मामलों में जन सुनवाई में कोई जवाब नहीं मिल पाया है और संभागीय आयुक्त मेहरा भी दुर्गेश शर्मा द्वारा लगाये गये आरोपों को सुनते रहे। 
सौंदर्यकरण के नाम पर अनावरण पट्टिका को छुपाया :
जन सुनवाई में यह मुद्दा भी उठा के प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोहन लाल सुखाडिय़ा द्वारा कलेक्ट्रेट के लोकार्पण की पट्टिका प्रवेश द्वार के पास लगी हुई थी जिसे सौंदर्यकरण के नाम पर छुपा दिया गया है। कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि यह महान नेताओं के साथ अन्याय है। अगर सौंदर्यकरण करना ही था तो इस पट्टिका को पहले कहीं अच्छी जगह लगाते। उन्होंने इस मामले में मौका देखने की बात भी कही। 
इस पर संभागीय आयुक्त मेहरा ने कहा कि बैठक के बाद वह कलेक्टर और एसपी के साथ अतिक्रमण और अन्य मौका देखेंगे।
वार्ड नम्बर 45 के पार्षद वसीम कलाल ने कहा कि पार्षद के कामों को भी अधिकारी तवज्जो नहीं देते है और उन्होंने नगर विकास न्यास पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वहां दलालों का अड्डा बना हुआ है। सरकार को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। पट्टे बनाने में भी आम लोगों को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। बिना दलालों के वहां काम नहीं होता है। न्यास की विशेषाधिकारी रजनी माधीवाल ने कहा कि पार्षद द्वारा लगाए जा रहे आरोप निराधार है और जो ये पट्टे बनवाने चाह रहे है वह नियमों के विपरीत है। 

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